शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन तेज हो गया है, और किसानों ने केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए नई रणनीति अपनाई है। पहले दिल्ली कूच का प्रयास विफल होने के बाद, किसान संगठनों ने 16 मार्च को पंजाब और अन्य राज्यों में ट्रैक्टर मार्च निकालने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, 18 मार्च को पंजाब में ‘रेल रोको’ आंदोलन की भी घोषणा की गई है। यह निर्णय दिल्ली पुलिस द्वारा किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में तीन बार प्रवेश से रोकने के बाद लिया गया है।किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने 18 दिसंबर को ‘रेल रोको’ आंदोलन में किसानों और आम लोगों से भाग लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि वे पंजाब के सभी 13,000 गांवों के लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक अपने नजदीकी रेलवे क्रॉसिंग और रेलवे स्टेशनों को बंद करें। पंढेर ने संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेता राकेश टिकैत को भी पत्र लिखा, जो पहले तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल तक आंदोलन चला चुके थे।
किसान नेता ने किया ऐलान
किसान नेता पंधेर ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, “16 दिसंबर को पंजाब के बाहर ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा और 18 दिसंबर को हमने पंजाब में ‘रेल रोको’ का आह्वान किया है। हम सभी पंजाबियों से बड़ी संख्या में भाग लेने की अपील करते हैं।” बता दें कि इससे पहले दिन में सुरक्षा बलों ने शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर मार्च कर रहे किसानों के जत्थे (‘दिल्ली कूच’) को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछार की थी। लेकिन किसान पुलिस बैरिकेड्स और भारी तैनाती के बावजूद अपने विरोध पर अड़े रहे।
17 किसान घायल
पंधेर ने इसे लेकर दावा किया कि शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस द्वारा आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किए जाने के बाद 17 किसान घायल हो गए। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि कई किसानों की हालत गंभीर है और अधिकारियों पर अस्पताल में इलाज मुहैया कराने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया।पंधेर ने कहा, “दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाली भारत सरकार ने 101 किसानों के खिलाफ बल प्रयोग किया। तोपों का इस्तेमाल करके हम पर केमिकल वाला पानी फेंका, बम फेंके गए और आंसू गैस के गोले दागे गए। 17 किसान घायल हो गए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर है और उन्हें अस्पताल में उचित इलाज नहीं दिया जा रहा है। हम पंजाब सरकार से पर्याप्त इलाज सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं।”
राहुल गांधी पर बोला हमला
इसके अलावा, पंधेर ने संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में किसानों की चिंताओं को प्रभावी ढंग से संबोधित न करने के लिए विपक्ष की भी आलोचना की। उन्होंने विशेष रूप से कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर किसानों से किए गए अपने वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया। पंधेर ने कहा, “विपक्ष को केवल बयान जारी करके अपनी जिम्मेदारी से बचना नहीं चाहिए। उन्हें हमारे एजेंडे को बताना चाहिए और हमारे मुद्दों पर संसद को उसी तरह से बाधित करना चाहिए, जैसा कि वे अन्य मामलों के लिए करते हैं। राहुल गांधी संसद में हमारी चिंताओं को नहीं उठा रहे हैं, जैसा कि उन्होंने हमें भरोसा दिया था।”