मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार के सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक अहम सूचना आई है। सभी कर्मचारियों को 31 जनवरी 2025 तक अपनी अचल संपत्ति का पूरा विवरण प्रस्तुत करना होगा। इसमें उनकी सैलरी, पद, जिला और संपत्ति का पूरा ब्योरा शामिल है। अगर कोई कर्मचारी निर्धारित तिथि तक ये जानकारी नहीं देता है, तो उसकी वेतन और प्रमोशन पर असर पड़ सकता है।
राज्य सरकार ने इस बाबत एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत सभी सरकारी कर्मचारियों को संपत्ति का विवरण सही और निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत करना अनिवार्य है। इसमें संपत्ति की खरीद की तारीख, उसका मूल्य, और वर्तमान बाजार मूल्य जैसी जानकारियाँ भी देनी होंगी। इसके अलावा, संबंधित राज्य के अधिकारियों को यह विवरण ऑनलाइन पोर्टल पर 31 जनवरी तक जमा करना होगा। यदि कोई कर्मचारी इस समय सीमा को पार कर देता है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
इसके तहत मध्य प्रदेश के सभी अधिकारी, जिनमें IAS, IPS, और IFS अफसर शामिल हैं, को इस प्रक्रिया का पालन करना होगा। इसी प्रकार, उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों के लिए भी यह जानकारी 31 जनवरी तक देने की आवश्यकता है। अगर कर्मचारी निर्धारित समय में संपत्ति विवरण नहीं देते हैं तो उनके प्रमोशन पर भी रोक लग सकती है और वेतन में भी देरी हो सकती है।
यह आदेश पूरे राज्य में सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू है, जिनमें उच्च पदाधिकारियों से लेकर अधीनस्थ कर्मचारियों तक सभी शामिल हैं।