गंगा दशहरा के पावन अवसर पर उज्जैन की धार्मिक नगरी में श्रद्धा और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। नीलगंगा घाट पर श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा द्वारा आयोजित भव्य कार्यक्रम में साधु-संतों का विशाल जमावड़ा हुआ। यहां का दृश्य मानो सिंहस्थ महाकुंभ की यादें ताजा कर गया। लोगों ने साधु-संतों का पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया।
शाही अंदाज में निकाली गई पेशवाई में नागा साधुओं ने तलवारों से हैरतअंगेज प्रदर्शन किया। घोड़ों पर सवार साधु, हाथों में निशान लिए महंत, बैंड-बाजों की गूंज और रथों की भव्यता ने पूरे माहौल को आध्यात्मिक उल्लास से भर दिया। नीलगंगा सरोवर में संतों ने सामूहिक स्नान कर मां नीलगंगा की आरती की।
इस आयोजन में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के कई प्रमुख संतों की उपस्थिति रही। महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने बताया कि परिषद के अध्यक्ष, निरंजनी अखाड़े के सचिव रवींद्र पुरी महाराज, जगतगुरु स्वामी वीरभद्र नंद गिरि महाराज, और कई महामंडलेश्वर इस पावन अवसर पर शामिल हुए।
शाम को मां नीलगंगा की भव्य महाआरती के साथ सवा क्विंटल हलवे का भोग अर्पित किया गया। वेणु नाद नृत्य अकादमी की बालिकाओं ने गंगा स्तुति की प्रस्तुति दी, वहीं शिवांजलि गार्डन में श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का आयोजन किया गया।
