MP में महिला सशक्तिकरण की नई पहल: 9 टोल प्लाजा की कमान अब स्व-सहायता समूहों के हाथों

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भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए राज्य के 9 टोल प्लाजा का संचालन महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपने का निर्णय लिया है। ये वे टोल प्लाजा हैं, जहां वार्षिक राजस्व दो करोड़ रुपये से कम है। इस पहल से न सिर्फ महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जाएगा, बल्कि राज्य मार्गों के रखरखाव और उन्नयन में भी योगदान मिलेगा।

इन टोल प्लाजा से प्राप्त कुल राजस्व में से 30% राशि महिला समूहों को कमीशन के रूप में दी जाएगी, जबकि शेष 70% राजमार्ग निधि में जमा होगी। शासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इन टोल नाकों पर केवल महिला स्टाफ की तैनाती होगी और उनकी सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगे।

जिन मार्गों पर ये टोल प्लाजा संचालित होंगे उनमें उज्जैन-शाजापुर-अकोदिया-सारंगपुर, उज्जैन-नीमच-मनासा, उज्जैन-गोगापुर-घोंसला, ग्वालियर-मोहनपुर-बेहट, ग्वालियर-डबरा-भितरवार-हरसी, सागर-बीना-खिमलासा-माल्थोन, भोपाल-गंज बसोदा-सिरोंज, रीवा-हरदुआ-चाकघाट और धार-सरदारपुर-बाघ रोड शामिल हैं।

गौरतलब है कि एक साल से पायलट प्रोजेक्ट के तहत मलहेरा-चांदला, शाजापुर-दोपाड़ा-नलखेड़ा और उज्जैन-मक्सी मार्ग पर सफलतापूर्वक महिला समूह टोल वसूली का कार्य संभाल रही हैं। निगम द्वारा टोल प्लाजा पर आवश्यक अधोसंरचना जैसे फास्टैग, केनोपी और शौचालय आदि उपलब्ध कराए गए हैं।

यह योजना महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ ही राज्य में बेहतर सड़क सुविधाओं की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।

Pooja upadhyay
Author: Pooja upadhyay

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