संयुक्त राष्ट्र (UN) में पाकिस्तान द्वारा कश्मीर मुद्दा उठाने पर भारत ने करारा जवाब दिया है। भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने मंगलवार को पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा को सिरे से खारिज करते हुए कहा, “जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा।” उन्होंने पाकिस्तान पर झूठ और दुष्प्रचार फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि इससे कश्मीर की जमीनी सच्चाई नहीं बदल सकती।हाल ही में हुए जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए हरीश ने कहा कि भारी मतदान ने स्पष्ट कर दिया है कि वहां लोकतंत्र मजबूत और जीवंत है। उन्होंने पाकिस्तान की लोकतांत्रिक प्रक्रिया की तुलना करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर का लोकतंत्र पाकिस्तान से कहीं अधिक सशक्त है।
आतंकवाद पर भारत की दो टूक:
हरीश ने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर भी घेरा। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान आतंकवाद का वैश्विक केंद्र है। यह समझ से परे है कि वह खुद को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी बताने की कोशिश करता है। आतंकवाद किसी भी रूप में हो, उसे किसी भी परिस्थिति में जायज नहीं ठहराया जा सकता।” भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की ओर से कश्मीर पर फैलाया जा रहा झूठा प्रचार अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह नहीं कर सकता।
पाकिस्तान की संसद में जनमत संग्रह की मांग:
इससे पहले पाकिस्तान की संसद ने एक प्रस्ताव पारित कर भारत से कश्मीर में जनमत संग्रह कराने की मांग की थी, जिसे भारत ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर का मुद्दा पूरी तरह आंतरिक मामला है। भारत ने दोहराया कि कश्मीर पर किसी भी बाहरी हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है।
भारत का संदेश स्पष्ट:
भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि जम्मू-कश्मीर पर उसका रुख अडिग है। पाकिस्तान के बार-बार कश्मीर मुद्दा उठाने के बावजूद, भारत ने कड़े शब्दों में कहा कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर दुनिया को गुमराह करने की कोशिशें सफल नहीं होंगी।
