भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एमपीपीएससी छात्रों का प्रदर्शन चर्चा का विषय बन गया है। कड़ाके की ठंड में बनियान पहने और हाथ में कटोरा लिए, ये छात्र सड़कों पर बैठकर सरकार से 700 पद घोषित करने की गुहार लगा रहे हैं। छात्रों का कहना है कि ढाई से तीन लाख छात्रों के बीच केवल 158 पदों के लिए प्रतियोगिता असंभव है।
छात्रों की मांगें और प्रदर्शन की वजह
छात्रों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि जब भी वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रखते हैं, उन्हें आश्वासन देकर चुप करा दिया जाता है या गिरफ्तार किया जाता है। बीते दिनों NEYU के छात्र नेता राधे जाट और रंजीत किसानवंशी की गिरफ्तारी के बाद छात्रों और सरकार के बीच टकराव और बढ़ गया है। इन छात्र नेताओं ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से मुलाकात कर पद वृद्धि की मांग की थी।
प्रमुख मांगें:
1. *पद वृद्धि*: 2025 एमपीपीएससी परीक्षा के लिए 700 पद और वन सेवा में 100 पद घोषित किए जाएं।
2. *पारदर्शिता*: 2019 की मुख्य परीक्षा की कॉपियां और मार्कशीट जारी की जाए।
3. *सुधार की जरूरत*: प्रारंभिक परीक्षा में गलत प्रश्नों को हटाया जाए और यूपीएससी की तरह नेगेटिव मार्किंग शुरू की जाए।
4. *इंटरव्यू प्रक्रिया*: इंटरव्यू में उम्मीदवार के नाम और श्रेणी का खुलासा न हो। इंटरव्यू अंकों में कमी की जाए।
सरकार को चेतावनी
छात्रों ने स्पष्ट किया कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे दिल्ली जाकर प्रदर्शन करेंगे। यह प्रदर्शन राज्य के हर जिले में जारी है, और छात्रों ने मांग की है कि सरकार अपने आश्वासनों को वास्तविक रूप से पूरा करे।
संबंधित घटनाएं
– हाल ही में राधे जाट और रंजीत किसानवंशी की गिरफ्तारी ने स्थिति को और जटिल कर दिया।
– छात्रों का आरोप है कि सरकार परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी और उम्मीदवारों के लिए सुलभ बनाने के बजाय इसे जटिल बना रही है।
छात्रों की अपील
सरकार से उनकी एकमात्र अपील है कि वे युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखकर फैसले लें और उनकी मांगों को जल्द पूरा करें।