मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MP बोर्ड) ने निजी स्कूलों को मान्यता देने के नियम कड़े कर दिए हैं। बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अब शिक्षकों और शैक्षणिक कर्मचारियों के लिए 100 रुपए के स्टांप पेपर पर शपथ पत्र देना अनिवार्य होगा।
क्या होगा शपथ पत्र में?
इस शपथ पत्र में यह स्पष्ट करना होगा कि संबंधित शिक्षक या कर्मचारी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट (बच्चों को लैंगिक अपराधों से सुरक्षा अधिनियम, 2012) या भारतीय दंड संहिता के तहत कोई मामला दर्ज या लंबित नहीं है। साथ ही, उनके निवास और अन्य आवश्यक जानकारी भी शामिल करनी होगी।
स्कूल प्रबंधन पर बढ़ी जिम्मेदारी
स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके शिक्षकों और कर्मचारियों पर किसी भी आपराधिक मामले की जांच अधूरी न हो। इसके लिए हर शिक्षक और कर्मचारी से शपथ पत्र प्राप्त करना और उसकी पुष्टि करना स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी होगी।
बच्चों की सुरक्षा बनी प्राथमिकता
शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि इन नियमों का पालन किए बिना स्कूल की मान्यता या नवीनीकरण संभव नहीं होगा। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना और स्कूल प्रबंधन में सुधार लाना है।
यह पहल हालिया घटनाओं के बाद की गई है, जब भोपाल के एक निजी स्कूल में बच्ची के साथ हुए यौन शोषण की घटना ने गंभीर सवाल खड़े किए थे। शिक्षा विभाग का यह कदम बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एक सशक्त प्रयास है।