भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में होने जा रही कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसलों पर मुहर लगने की संभावना है। बैठक का सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा विभागाध्यक्षों को अधिक वित्तीय अधिकार देने और ‘बुक ऑफ फाइनेंशियल पावर’ में संशोधन का है। आठ वर्षों बाद इस नियमावली में बड़ा बदलाव किया जा रहा है।
संशोधन के बाद विभागों को लैपटॉप, फर्नीचर, स्टेशनरी जैसी जरूरी वस्तुएं खरीदने के लिए शासन से अनुमति लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब विभागाध्यक्ष खुद ही अपने स्तर पर इन खरीदी निर्णयों को ले सकेंगे। इससे न केवल सरकारी कामकाज में तेजी आएगी, बल्कि निर्णय प्रक्रिया भी सरल और प्रभावी होगी।
इतना ही नहीं, विभागाध्यक्षों को प्रशिक्षु (इंटरन) रखने की स्वीकृति भी मिलेगी, जिससे प्रशासनिक कार्यों में दक्षता बढ़ेगी और युवाओं को शासन के साथ काम करने का अनुभव भी मिलेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ये प्रस्ताव पारित होते हैं, तो यह निर्णय प्रशासनिक विकेंद्रीकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम होगा। इससे निचले स्तर तक निर्णय लेने की स्वतंत्रता बढ़ेगी और कामकाज में पारदर्शिता के साथ-साथ गति भी आएगी।
