मध्य प्रदेश: सागर जिले के देवरी ब्लॉक के एक स्कूल में गणतंत्र दिवस के दिन एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक महिपाल सिंह ठाकुर को अचानक हार्ट अटैक आ गया, जिससे वे अचेत हो गए। तभी वहां मौजूद 12वीं कक्षा की दो छात्राएं, निशिका यादव और प्राची विश्वकर्मा, ने अपनी सूझबूझ दिखाते हुए उन्हें CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) दिया।
10 मिनट में मिली नई जिंदगी
छात्राओं द्वारा दिए गए 10 मिनट के सीपीआर से शिक्षक की सांसें फिर से चलने लगीं, और उनकी हालत में सुधार हुआ। तुरंत ही स्कूल स्टाफ ने एंबुलेंस को सूचना दी, जिसके बाद शिक्षक को देवरी के शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज किया गया।
CPR प्रशिक्षण आया काम
स्कूल के शिक्षक अरुण दुबे ने बताया कि स्कूल में व्यावसायिक शिक्षा के तहत छात्राओं को पहले ही CPR का प्रशिक्षण दिया गया था। इसी प्रशिक्षण के कारण निशिका और प्राची ने सही समय पर शिक्षक को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
डॉक्टरों ने की सराहना
अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों का कहना था कि यदि सीपीआर समय पर नहीं दिया जाता, तो शिक्षक की जान बचाना बेहद मुश्किल होता। सभी ने दोनों बहादुर छात्राओं की जमकर तारीफ की और उनके साहस को सराहा।
सीख: हर किसी को आना चाहिए CPR
यह घटना एक बड़ी सीख देती है कि सीपीआर जैसी जीवन रक्षक तकनीक का ज्ञान सभी को होना चाहिए। सही समय पर सही कदम उठाने से किसी की जान बचाई जा सकती है।निशिका और प्राची की बहादुरी ने यह साबित कर दिया कि सही जानकारी और हिम्मत के साथ कोई भी हीरो बन सकता है!