ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वर्ष 2025 ग्रहण की दृष्टि से विशेष रहेगा। इस साल कुल चार ग्रहण पड़ेंगे, जिनमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण शामिल हैं। हर ग्रहण के साथ खगोलीय घटनाओं और धर्मशास्त्रों में इसका विशेष महत्व है। आइए जानते हैं इन ग्रहणों की तिथि, समय और स्थान की पूरी जानकारी।
पहला सूर्य ग्रहण: 29 मार्च 2025
साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण चैत्र शुक्ल पक्ष की अमावस्या (शनिवार) को लगेगा। यह ग्रहण भारतीय समय के अनुसार दोपहर 2:20 बजे शुरू होकर शाम 6:13 बजे तक रहेगा।
– *प्रकार:* आंशिक सूर्य ग्रहण
– *स्थान:* यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसे उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड, आइसलैंड, उत्तरी अटलांटिक महासागर, पूरे यूरोप और उत्तर-पश्चिमी रूस में देखा जा सकेगा।
दूसरा सूर्य ग्रहण: 21 सितंबर 2025
अश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि (रविवार) को दूसरा सूर्य ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण रात 11 बजे से शुरू होकर 3:24 बजे (22 सितंबर) तक रहेगा।
– *प्रकार:* आंशिक सूर्य ग्रहण
– *स्थान:* यह भी भारत में नहीं दिखाई देगा। इसे न्यूजीलैंड, पूर्वी मेलानेशिया, दक्षिणी पोलिनेशिया और पश्चिमी अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा।
पहला चंद्र ग्रहण: 14 मार्च 2025
फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि (शुक्रवार) को पहला चंद्र ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण सुबह 10:39 बजे शुरू होकर दोपहर 2:18 बजे समाप्त होगा।
– *प्रकार:* पूर्ण चंद्र ग्रहण
– *स्थान:* यह भारत में नहीं दिखाई देगा।
दूसरा चंद्र ग्रहण: 7 सितंबर 2025
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि (रविवार) को दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा। यह रात 9:57 बजे शुरू होकर 12:23 बजे समाप्त होगा।
– *प्रकार:* पूर्ण चंद्र ग्रहण
– *स्थान:* यह भारत में स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा।
सूतक काल का महत्व
ग्रहण से पूर्व सूतक काल का आरंभ हो जाता है।
– *सूर्य ग्रहण का सूतक:* ग्रहण से 12 घंटे पूर्व।
– *चंद्र ग्रहण का सूतक:* ग्रहण से 9 घंटे पूर्व।
धार्मिक दृष्टिकोण से इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। देवी-देवताओं के मंत्रों का जाप करना ग्रहण के बुरे प्रभावों को कम करने में सहायक माना जाता है।
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