केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 29 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह कार्रवाई उन स्कूलों द्वारा बोर्ड के नियमों का उल्लंघन करने पर की गई है, जिनमें ‘गैर-उपस्थित’ छात्रों को नामांकित किया गया था। यह छात्रों ने विद्यालयों में उपस्थित होना शुरू नहीं किया था, फिर भी उन्हें नामांकित किया गया, जो CBSE के संबद्धता उपनियमों के खिलाफ है।
सीबीएसई के निरीक्षण में खुलासा
सीबीएसई ने 18 और 19 दिसंबर, 2024 को देशभर के विभिन्न स्थानों पर 29 स्कूलों का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान यह पाया गया कि इन स्कूलों ने ऐसे छात्रों को अपने रजिस्टर में दर्ज किया था, जो स्कूल में उपस्थित नहीं होते थे। इस प्रकार का नामांकन नियमों का उल्लंघन माना गया। बोर्ड ने पाया कि इन स्कूलों में छात्रों का सही रिकॉर्ड और उनकी उपस्थिति से संबंधित जानकारी पूरी नहीं थी, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर सवाल उठे।
सीबीएसई की सख्त कार्रवाई
सीबीएसई ने अपनी औचक जांच के बाद इन 29 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया और उनसे 30 दिनों के भीतर इसका जवाब मांगा है। नोटिस में स्कूलों से पूछा गया है कि उन्होंने इस तरह के उल्लंघन क्यों किए और इसके परिणामस्वरूप छात्रों के नामांकन में किस प्रकार की गड़बड़ी हुई। बोर्ड ने स्पष्ट किया कि अगर स्कूल इस नोटिस का संतोषजनक उत्तर नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ आगे की कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
सीबीएसई की दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य
सीबीएसई के द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसी भी स्कूल को यह अनुमति नहीं है कि वह ऐसे छात्रों को नामांकित करे जो विद्यालय में नियमित रूप से उपस्थित नहीं होते। बोर्ड का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी छात्रों का सही तरीके से रिकॉर्ड रखा जाए और उनकी शिक्षा में कोई गड़बड़ी न हो।सीबीएसई ने इस कदम के माध्यम से सभी स्कूलों को यह संदेश दिया है कि वे अपनी जिम्मेदारियों का पालन करते हुए नियमों का पूरी तरह से पालन करें, ताकि छात्रों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिल सके और शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता बनी रहे।