
समय अवधि से पहले बनकर तैयार हुई नई सड़क पर पहली बारिश में हो गए गड्ढे, भ्रष्टाचार हुआ उजागर
इंदौर : (विशेष प्रतिनिधि) राष्ट्रीय राज्य मार्ग आगरा-मुंबई स्थित मानपुर गणपति (बाकानेर) घाट का नया बाईपास रोड करीब 9 किलोमीटर लंबा है, प्राप्त जानकारी अनुसार जिसकी लागत करीब 106 करोड़ रुपए आई है। इसे हादसों को रोकने के लिए बनाया गया है, और इसका उद्घाटन 30 नवंबर 2024 को केंद्रीय राज्य मंत्री, सांसद सावित्री ठाकुर ने किया था। यह नया मार्ग कम ढलान वाला है और इसमें ओवरपास व ओवर ब्रिज शामिल भी हैं, जिससे भारी वाहनों के लिए भी यात्रा सुरक्षित हो रही है। ज्ञात हो कि गणपति घाट की ढलान पर एक समय में बहुत दुर्घटनाएं हुई है, क्योंकि पुराने मार्ग में ढलान बहुत अधिक थी जिसके कारण ब्रेक फेल हो जाते थे, जिसमें अभी तक हजारों लोगों ने अपनी जान गवा दी। बार-बार होने वाले हादसों को कम करने के उद्देश्य से और लगातार शिकायत मिलने पर धार-महू लोकसभा क्षेत्र के तत्कालीन सांसद छतरसिंह दरबार ने केंद्र सरकार से नई बाईपास सड़क के प्रस्ताव को पास करवा दिया था, इसके बाद केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा करोड़ों रुपए की राशि उक्त मार्ग निर्माण के लिए जारी की थी। ताबड़तोड़ संभावित समय में कार्य को पूरा करके करीब 8 से 9 किलोमीटर की एक नई सड़क तैयार कर दी गई, लेकिन सड़क को गुणवत्ता के साथ बनाया गया या नहीं यह तो पहले वर्ष में जग जाहिर हो गया।
नई सड़क मार्ग बनकर जब तैयार हुई उसके बाद पहले वर्ष वर्षा ऋतु में सड़क पर करीब 100 से अधिक छोटे बड़े गड्ढे हो गए। यह गड्ढे ठेकेदार की कार्यशैली पर उंगली नहीं बल्कि दोनों हाथ उठा रहे थे। इन गड्ढों के कारण बड़े वाहन करीब चार-चार फीट ऊपर उछल रहे थे। लोग गड्ढे बचाते हुए अपने वाहन को सड़क के चारों ओर घूमते दिखाई देते थे, यह दृश्य क्षेत्र वासियों और यात्रियों ने पहले ही वर्ष बखूबी देखा। लगातार यात्रियों की शिकायत मिलने पर NHAI ने ठेकेदार से मरम्मत कार्य करवाए, लेकिन अभी भी कोई ठोस उचित समाधान नहीं किया गया। आज भी पेच वर्क तो भले कर दिए है लेकिन वह भी टिक नहीं पा रहे है। सवाल यह भी नहीं है कि गड्ढों में डामर क्यों नहीं टिक पा रहा है, सवाल तो यह है कि करोड़ों रुपए की लागत से बनी सड़क पे पहले ही वर्ष इतने गड्ढे क्यों हो गए थे? क्या NHAI की टीम ने समय समय पर ठेकेदार द्वारा किए जा रहे कार्य की गुणवत्ता को नहीं जांचा? सरकार ने जितनी मोटी डामर की परत डालने के पैसे पास किए है क्या उतनी मोटाई में डामर के कार्य को किया गया या नहीं? यह सभी सवाल क्षेत्रवासी स्वयं नितिन गडकरी से पूछना चाहते हैं। ग्रामीण सुखराम मकवाना ने कहा कि मंत्री खुद आए और सड़क की दुर्दशा देखे, वही गुणवत्ता जांचने के लिए कोर कटिंग कराकर प्रयोगशाला में भेजें। ताकि यह स्पष्ट हो सके कि अगर गुणवत्ता के साथ सड़क बनाई गई तो इस दुर्दशा का मुख्य कारण क्या है?

ढलान में हो रहे गड्ढों के कारण बड़ा हादसा होने की संभावना!
देश में सड़क सुरक्षा को लेकर अक्सर परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सख्त लहजे में ठेकेदारों और संबंधित अधिकारियों को चेतावनी देते नजर आते हैं। भारत में सैकड़ो किलोमीटर के रोड प्रस्तावित हो रहे हैं और देश के चारों ओर सड़क का जाल बनाया जा रहा हैं, ऐसे में गुणवत्ताहीन कार्य करने वाले भ्रष्टाचारी ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट कर देना ही उचित निर्णय होगा। क्योंकि सड़क पर हजारों यात्री अपनी जान और माल लेकर चलते हैं, ऐसी सड़कों के कारण दुर्घटना की संभावना भी बढ़ जाती है। दुर्घटना होने पर घायल/मृतक के परिजन अपने लोगों से वंचित हो जाते हैं। अगर दुर्घटना का कारण गुणवत्ताहीन सड़क और सड़क सुरक्षा में लापरवाही रही तो संबंधित ठेकेदार को ही आरोपी माना जाना चाहिए। साथ ही उन कंसल्टेंसी अधिकारियों पर भी जांच होनी चाहिए जो निर्माण समय में रोड की उचित गुणवत्ता को जांचने के जिम्मेदार थे।
वाहन चालकों ने कहा गाड़ी की पूरी बॉडी हिल जाती है
इस मार्ग से हमेशा गुजरने वाले और खासकर इस मार्ग पर गुजरने वाले नए वाहन चालकों में से अमरिंदर सिंह, राम जाट, मुस्ताक मेव आदि ड्राइवरो ने बताया कि इंदौर से खलघाट की ओर जाने वाले नेशनल हाईवे पर मानपुर के आगे पुरानी ढलान वाले घाट को काटकर नई सड़क तो बना दी गई है लेकिन उसमें गड्ढे और भचके के कारण गाड़ी की पूरी बॉडी हिल जाती है, गाड़ी कई फिर ऊपर उछलने लगती है। इमरजेंसी ब्रेक लगाने से दुर्घटना के आसार बढ़ जाते हैं कंपनी सड़क की मरम्मत तो कर रही है लेकिन गड्ढे सही रूप से नहीं भर पा रही। पहली बात नई सड़क पर इतने गड्ढे कैसे हो गए यह जांच का विषय है।
तीन जिलों में बंटा हुआ है घाट क्षेत्र
गणपति घाट खरगोन, धार व इंदौर जिले में बंटा हुआ है। घाट के गणपति मंदिर से पलासमाल तक का क्षेत्र धार के धामनोद और खरगोन जिले के महेश्वर थाने की काकड़दा चौकी क्षेत्र में आता है। जबकि घाट की शुरुआत से पहले वाला हिस्सा इंदौर जिले में आता है।









