राजपूत समाज द्वारा वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा की स्थापना की

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ठीकरी/राजपुर : (शाहनवाज शेख) राजपूत समाज ठीकरी द्वारा नगर के प्रमुख चौराहे महाराणा प्रताप चौपाटी पर वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा की स्थापना की। इस अवसर पर समस्त राजपूत समाज के लोग एकत्रित हुए। इस दौरान समाजजनों ने हर्ष व्यक्त किया ओर कहा कि आज बड़े भी गौरव का दिन है कि हमारे नगर में कई वर्षों के प्रयासों के बाद आज प्रतिमा का अनावरण किया है। हम सभी उपस्थित सर्वसमाज जनों आभार व्यक्त करते हैं। इसी के पश्चात समाज जनो ने नगर पंचायत के मांगलिक भवन में समाज के मंचासिन वरिष्ठ जनों का पुष्प माला पहनकर स्वागत सम्मान किया।

समाज के प्रमुख लोगों ने बताया कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी मेवाड़ के एक राणा (राजा) थे, जिन्हें मुगल सम्राट अकबर की अधीनता स्वीकार न करने और मातृभूमि की रक्षा के लिए उनके संघर्ष और अटूट स्वाभिमान के लिए जाना जाता है। वह अपने शौर्य, पराक्रम और देशभक्ति का प्रतीक माने जाते हैं और आज भी भारत के महानायकों में से एक हैं। उन्होंने हल्दीघाटी के भीषण युद्ध में अपनी सेना का नेतृत्व किया और अपना जीवन देश की रक्षा में समर्पित कर दिया।

जीवन और संघर्ष

• जन्म और वंश: महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को मेवाड़ के सिसोदिया राजवंश में हुआ था।

• अकबर का प्रतिरोध: उन्होंने मुगल सम्राट अकबर की विस्तारवादी नीतियों का विरोध किया और अधीनता स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया।

• हल्दीघाटी का युद्ध: उन्होंने हल्दीघाटी के युद्ध में अपनी सेना का नेतृत्व किया, जो एक भीषण और निर्णायक लड़ाई थी।

• संघर्ष का काल: अकबर के खिलाफ उन्होंने कई वर्षों तक संघर्ष किया और मेवाड़ के जंगलों में रहकर भी हार नहीं मानी।

वीरता और योगदान – 

• अदम्य साहस और स्वाभिमान : महाराणा प्रताप अपने अदम्य साहस, स्वाभिमान और देशभक्ति के लिए जाने जाते हैं।

• प्रेरणा स्रोत: उनका जीवन, त्याग और संघर्ष भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

• न्यायप्रिय शासक: वे एक न्यायप्रिय राजा थे, यदि कोई दुश्मन बिना तलवार के आता था, तो वे उसे अपनी एक तलवार दे देते थे ताकि युद्ध बराबरी का हो सके।

• धार्मिक महत्व – वीरता की मिसाल : उन्हें भारत के महान योद्धाओं में गिना जाता है और उनकी वीरता की कहानी आज भी सुनाई जाती है।

• “हिंदुआ सूर्य”: उन्हें “हिंदुआ सूर्य” के नाम से भी जाना जाता है, जो उनके धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है।

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