इंदौर में भारी वाहनों का प्रवेश निषेध, मनावर में प्रतिदिन बढ़ोतरी? सरकार को शहरी लोगों की चिंता और ग्रामीणों के प्रति लापरवाही, ऐसा क्यों?

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मनावर : (विशेष प्रतिनिधि) इंदौर शहर में कुछ दिन पहले एक ट्रक द्वारा कई दर्जन लोगों को कुचलने का मामला सामना आया था, इसके बाद इंदौर कलेक्टर श्री वर्मा ने भारी वाहनों का प्रवेश निषेध करने को लेकर योजना बना रहे हैं। क्योंकि पूर्व में हुए इस हादसे में जनहानि हो गई कई लोग दुर्घटना के शिकार हो गए और उनके जान और माल का काफी नुकसान हुआ।

जनहानि और आमजन की सुरक्षा की दृष्टि से अगर देखा जाए तो धार जिले के मनावर की स्थिति डरावनी बनी हुई है। तीन बड़े मार्गों का ट्रैफिक नगर के बीचो-बीच पुराने मार्ग (गांधी चौराहे) से ही होकर गुजर रहा है यहां अभी तक कोई भी बाईपास निर्माण का कार्य नहीं किया गया। बड़े-बड़े ट्रेलर, 40-40 टन से अधिक माल ढोकर चलने वाले वाहन इसी मार्ग से निकलते हैं और चौराहे पर रास्ता भी सकड़ा है, अतिक्रमण भी अत्यधिक फलफूल रहा है वाहनों को निकलने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ता है इसी के साथ दुर्घटना होने के शत प्रतिशत आसार बने रहते हैं।

बावजूद इसके मनावर की इस समस्या को लेकर अभी तक कोई भी उचित निर्णय नहीं लिया गया। यहां यातायात में दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है। मनावर की मुख्य समस्या में यह शुमार है। क्या मनावर को लावारिस दृष्टि से देखा जा रहा है या फिर कांग्रेस विधायक होने के कारण यहां प्रदेश स्तर पर ध्यान नहीं दिया जा रहा?

आमजन की जान माल की सुरक्षा प्रथम कर्तव्य हो

मनावर में इस मुद्दे को पत्रकारों, राजनेताओं और सामाजिक संगठनों ने बड़े स्तर पर उठाया लेकिन प्रदेश सरकार का ध्यान आकर्षित नहीं कर पाई? क्योंकि जिला कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक यह मामला संज्ञान में है कि मनावर की जनता ट्रैफिक जाम की समस्या से बेहद परेशान है आम जन का जीना मुश्किल हो गया है प्रतिदिन दुर्घटना होने के आसार बने रहते हैं बावजूद इसके अभी तक शासन प्रशासन द्वारा बाईपास निर्माण के कार्य को हरी झंड़ी क्यों नहीं मिली? यह चिंता का विषय है।

अक्सर दुर्घटना के बाद जगाता है शासन प्रशासन?

जिला हो प्रदेश या फिर देश जब कोई बड़ा हादसा हो जाता है तो उसकी निंदा की जाती है ऐसे समय प्रशासन उपरोक्त मामले में गंभीरता दिखाता है, जबकि मनावर की इस प्रमुख समस्या को हर प्रकार से शासन तक पहुंचा दी गई है। पत्रकारों ने जिले के कलेक्टर को लिखित में दस्तावेज आवेदन दिए, विधायक ने विधानसभा में इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया, सामाजिक संगठनों ने रैलियां निकाली। लेकिन सरकार ने कोई उचित निर्णय नहीं लिया। या तो सरकार मनावर में भी बड़े हादसे होने का इंतजार कर रही है या फिर राजनीतिक मापदंडों के तहत कार्य को रोका जा रहा है?

प्रतिदिन बड़े और लंबे वाहनों का आवागमन 

नगर का मुख्य गांधी चौराहा जो कि अब रेड जोन एरिया केहलाने लगा है, यहां से सैकड़ो वाहन प्रतिदिन गुजरते हैं जिसमें बड़े मल्टीपरपज वाहन भी शामिल है जिनकी लंबाई करीब 50 फीट और माल सहित 60 टन से अधिक वजन रहता है। और इन्हीं के बीच नगर वासियों को भी अपना जीवन गुजारना है। क्या सरकार ने यहां लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया, या फिर कोई दुर्घटना घटित होने के बाद निर्माण कार्य को स्वीकृति मिलेगी?

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