शहरी नौकरी से लेकर नक्सली एरिया तक कार्यकाल के दौरान कई रोचक घटनाएं रही : सीएसपी श्री चौहान

जावरा : (शाहनवाज शेख) बतौर सीएसपी जावरा में तैनाती के बाद युवराज सिंह चौहान ने हाल ही में लिए गए एक इंटरव्यू (साक्षात्कार) में बताया कि कैसे उन्होंने पूर्व में डकैतों द्वारा उत्तर प्रदेश पुलिस की लूटी गई राइफल छीनी थी। प्रदेश के अलग-अलग और जोखिम भरे क्षेत्र में अपराधियों से मुठभेड़ ओर मॉब लॉचिंग जैसी घटनाओं में हजारों की भीड़ से लोगों को जिंदा बचाना अपने कार्यकाल की रोचक घटना रही..
क्षेत्र, चुनौतिया, महिला सुरक्षा, कार्यकाल संबंधित सवालों के जवाब में युवराज सिंह चौहान के उत्तर –
• जावरा क्षेत्र की प्रमुख समस्याएं और चुनौतिया : सीएसपी श्री चौहान ने बताया कि क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं में यातायात और कंजर समस्या है। सरकार ने जावरा के नजदीक 8 लाइन की नई सुविधा दी है इन 8 लाइन के कट पॉइंट पर कहीं भी चेकिंग पॉइंट नहीं बनाए गए, जिसके कारण अपराधिक तत्वों का 8 लाइन पर जाना आम हो गया है। लेकिन हमने एसपी साहब के निर्देशन में कट पॉइंट पर लगातार फोर्स लगाने का काम कर रहे हैं। दूसरी समस्या यहां कंजारों की है जो पूर्व से ही लूट, डकैती, हत्या और संगीन अपराधों में लिप्त है। इनके लिए हम समय-समय पर दबिश दे रहे हैं और उनके आने जाने वाले रास्तों पर भी हमारी निगरानी है। हमने विगत दिनों ही चार कंजरो को पकड़ कर एक चोरी का मामला ट्रेस किया है।
• अपराध नियंत्रण : क्षेत्र में अपराध नियंत्रण के लिए श्री चौहान ने कहा कि हमारे यही प्रयास रहेंगे की जो संपत्ति विवाद के मामले में अपराधी है जिनके दो या दो से अधिक अपराध है ऐसे अपराधियों पर हम निगरानी रखते हुए निगरानी फाइल खोलेंगे। जो बॉडी ऑफेंसेस के दो या दो से अधिक कैस हैं उनको हम गुंडा लिस्ट में ले रहे हैं। इसके अतिरिक्त संपत्ति विवाद या कोई भी अन्य अपराध हो जिससे हमें यह लगता है कि भविष्य में भी विवाद हो सकता है तो ऐसे लोगों पर प्रतिबंधित कार्रवाई करते हुए हम बॉण्ड ओवर करवा रहे हैं ताकि यह लोग अगर भविष्य में अपराध करते हैं तो उनकी जमानत जप्त की जा सके। इसी के साथ-साथ क्षेत्र के समीप जो भी व्यक्ति अवैध नशे के कारोबार में लिप्त है या कहीं पाया जाता है तो उन पर भी कड़ी कार्रवाई के लिए हम प्रतिबंध है।
• स्थानीय मुद्दे : स्थानीय मुद्दों की बात पर बताया गया कि यह यातायात जाम होता है और इस मुद्दे पर हमने नगर पालिका अध्यक्ष, मुख्य नगर पालिका अधिकारी और विधायक से चर्चा की है, जल्द ही पूरे शहर की सड़कों पर व्हाइट लाइन डालने का काम शुरू करवाएंगे जिससे कि सड़कों की सीमा ज्ञात कराते हुए वाहनों को अंडरलाइन के बाहर वाहन लगाना अवैध माना जाएगा। चुकी यहां पार्किंग की व्यवस्था नहीं है इसलिए अंडरलाइन डालकर निर्देशित किया जाना ही उचित रहेगा। इसके अतिरिक्त हम नगर पालिका परिषद के माध्यम से उन दुकानदारों को भी निर्देशित कराएंगे जो अपनी दुकान की सीमा से बाहर अपना सामान जमाते हैं उनको थोड़ा अंदर करने की हिदायत दी जाएगी। क्योंकि इंदौर, उज्जैन, मंदसौर सहित चारों ओर का ट्रैफिक शहर से म गुजरता है इसलिए यातायात व्यवस्था दुरुस्त रखना यहां की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके अलावा कोई खास स्थानीय मुद्दा नहीं है हर वर्ग की लोगों की अलग-अलग समस्या है जिन पर हम काम कर रहे हैं।
• महिला सुरक्षा : सीएसपी चौहान ने बताया कि महिला सुरक्षा के मामले में डीजीपी साहब और माननीय मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश है कि महिलाओं की सुरक्षा के प्रति में कोई भी लापरवाही नहीं बरतनी है महिलाओं की प्रत्येक शिकायत को सुना जा रहा है और जो ऑनलाइन शिकायतें हैं उनके प्रति भी हम गंभीर हैं। महिला सुरक्षा के लिए जो भी पैरामीटर पर काम कर सकते है वह कर रहे है। उन्होंने बताया कि हमारे पास कुल 7 चीता मोबाइल है जिससे हम लगातार रात 12 बजे तक पेट्रोलिंग करवा रहे हैं।
• पुलिस की प्राथमिकता : देशभक्ति जन सेवा ही पुलिस विभाग का प्रथम कर्तव्य है, श्री चौहान कहते हैं कि मेरी पहली प्राथमिकता लोगों के जान माल की सुरक्षा करना है। कोई अपराध न हो जिसके लिए सतर्कता रहे, और अगर कोई अपराध हो जाता है तो फिर हम उसकी पतारसी करते हैं। यह हमारे लिए एक चुनौती रहता और हम चुनौती साथ लेकर चलते हैं।

“कार्यकाल और उनके बीच घटी रोचक कहानियां”
सीएसपी युवराज सिंह चौहान ने बताया कि रतलाम जिले से मेरा पुराना नाता है। कहा, मैं 1990 में यहां जांचकर्ता के रूप में पदस्थ हुआ था और मेने 6 वर्ष निरंतर यहां अपनी सेवाएं दी है। जिसमें डोडर चौकी प्रभारी, कालूखेड़ा थाना प्रभारी, जावरा सिटी थाने पर उप निरीक्षक, रतलाम माणक चौक और स्टेशन रोड थाने पर उप निरीक्षक, वही बजाना में दो बार थाना प्रभारी के रूप में पदस्थ रहा, एक बार रावटी थाना प्रभारी भी रहा। रतलाम से ट्रांसफर होने के बाद उज्जैन, भिंड जिले में करीब 2 वर्ष रहा। उन्होंने बताया कि भिंड जिले में बड़ी रोचक घटनाएं रही। बताया कि वहां दो डकैतों को धराशाई किया था और 18 दिन में मेरे चार एनकाउंटर थे जिसमें 2 अपराधी मारे भी गए थे। इसी के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस से लूटी हुई राइफल भी डकैतों से बरामद की थी। उन्होंने बताया कि भिंड के बाद दंतेवाड़ा जिले में एंटी नेक्सलाइट ऑपरेशन के तहत हुई थी। इसी बीच पोस्टिंग के दौरान हमें कई किलोमीटर आंध्र प्रदेश के 60 किमी अंदर जाकर फिर 12 किलोमीटर वापस आना होता था। वह एक बड़ी दूर की पोस्टिंग थी अगर वहां से मुझे ट्रेन पकड़ने के लिए आना होता था तो कम से कम 600 किलोमीटर का सफर तय करना होता था। मेरा परिवार इस दौरान भिंड जिले में रहता था क्योंकि नक्सलवा एरिया होने के कारण मैं वह जगह ठीक नहीं मान रहा था। सन 2001 में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ अलग होने के बाद मेरा कार्यकाल उस जगह पर पूरा नहीं हो पाया था इसलिए मुझे बालाघाट रखा गया। बताया कि बालाघाट में नक्सल सेल इंचार्ज होकर दल का नेतृत्व किया, वहां से मैं खंडवा पोस्टिंग हुआ और वहां रहने के बाद इंदौर विजय नगर थाने प्रभारी, फिर प्रमोशन होने के बाद उज्जैन लोकायुक्त और इंदौर लोकायुक्त में बतौर इंस्पेक्टर नौकरी की। यह कार्यकाल 4 साल से अधिक था। राजगढ़, भोपाल के निषादपुरा थाने सहित 3 थानों में प्रभारी रहा। वह से धार जिले के मंडी, मनावर थाने में भी सेवाएं दी। उन्होंने कहा कि मनावर थाना क्षेत्र में हुई मोब ब्लीचिंग की घटना को भूल जा सकता बताया कि हजारों की अंक्रमित भीड़ पांच व्यक्तियों पर मारने टूट पड़ी, उस दौरान ग्रामीणों की भीड़ जिनके समझ में जो आया वह उठाकर उन पांचो व्यक्तियों को मार रहा था इसी बीच उनको जीवित बचाकर लाना एक बड़ी चुनौती थी जिसे हमने पूरी की।
प्रमोशन..
बताया कि मनावर, धार, नौग़वां से पुनः राजगढ़ ब्यावरा में स्थानांतरण होने के बाद ब्यावरा सिटी थाना प्रभारी के रूप में क्षेत्र की पुलिस दल का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि ब्यावरा के बाद मेरा प्रमोशन हो गया और मुझे एसडीओपी गुना नियुक्त किया गया, जहां ढाई साल और डेढ़ साल डीएसपी महिला सुरक्षा के पद पर मैने अपनी सेवाएं दी। वर्तमान में कार्यकाल के अंतिम पढ़ाव में बतौर सीएसपी जावरा हूं अब ये शहर मेरी निगरानी में है। 2 साल ओर मेरा कार्यकाल शेष है।
सफल कार्यकाल के दौरान राज्य या राष्ट्रीय स्तर का सम्मान?
श्री चौहान से अपने कार्यकाल के बीच राज्य या राष्ट्रीय स्तर के सम्मान मिलने के बारे में पूछे जाने पर बताया कि, मेरे दो मेडल अभी प्रतीक्षा में है जो दुर्गम सेवा पदक और आंतरिक सेवा पदक है यह राज्य शासन द्वारा नक्सल एरिया में ऑपरेशन करने पर दिया जाता है। इसी तरह से एंटीडीक्वाईटी में भी मेरा काम था कि 18 दिनों में मेरे 4 एनकाउंट थे जिसमें दो डकैत मारे गए थे। उन कामों में मेरे और अच्छे काम जुड़ जाए तो मैं शासन से गैलंट्री अवॉर्ड के लिए खरा उतर सकता हूँ।
और अंत में…
उल्लेखनीय है कि श्री चौहान ने जीवन भर डेरिंग बाज नौकरी की है, आप इस क्षेत्र को भली भांति जानते है वे क्षेत्र में पहले भी रहे हैं, लुट हत्या और नशे के कारोबारियों जैसे अपराध करने वाले अपराधियों पर आपकी अच्छी पकड़ है. इनके अनुभव का लाभ जावरा पुलिस एवम आम जनमानस को मिलेगा ।









