`बेटी की पेटी` में भी डाली थी चिट्ठी, लेकिन कोई एक्शन नहीं : सूत्र
मनावर : (मप्र.) – 14 अगस्त की शाम जहां पूरा देश अगले दिन स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारी कर रहा था वही एक मासूम 12वीं की छात्रा ने अपनी शिक्षकों की प्रताड़ना से फांसी के फंदे पर लटक कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इस घटना के बाद पूरा विद्यालय सदमे में है, क्योंकि जहां शिक्षक गुरु का रूप होते हैं और अपने शिष्यों को उच्च शिक्षा के साथ-साथ जीवन यापन के मूल तरीके सीखाने के साथ ही उन्हें आगे बढ़ाने की प्रेरणा देते हैं। वहीं तीन शिक्षिकाओं ने एक 12वीं की होनहार छात्रा को इतना मानसिक प्रताड़ित कर दियाकि वह आत्महत्या करने पर मजबूर हो गई? मरने से पहले छात्रा ने एक चिट्ठी भी लिखकर अपने घर छोड़ी जिसमें साफ-साफ दर्शाया कि, मैं यूं ही नहीं मर रही हूं मैं अपनी टीचरों से अत्यधिक परेशान होकर आत्महत्या कर रही हूं!
आज घटनाक्रम को 5 दिन बीत चुके हैं जिला प्रशासन द्वारा तीन सदस्यीय दल बनाकर जांच करवाई जा रही है। जांच दल में धरमपुरी सांदीपनि विद्यालय की प्राचार्य नीता सर्वी, नालछा विद्यालय की सरिता सोलंकी और झेंगदा के प्राचार्य अजय शर्मा सम्मिलित हैं। जांच कमेटी ने मनावर विद्यालय पहुंचकर मृतक छात्रा की सहेली और शिक्षको के बयान दर्ज किये। साथ ही वह मामले की बारीकी से छानबीन कर रही है। यह जांच दल जांच पूरी करने के बाद जिला प्रशासन को रिपोर्ट सौंपेंगे। मामले को लेकर पुलिस ने तीनों शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज की है। तीनों आरोपी शिक्षिकाए घटना वाले दिन से ही फरार है जिनका अभी तक कोई आता-पता नहीं? जांच दल आरोपी शिक्षिकाओं से भी संपर्क करने में लगे हैं। लेकिन वह उनकी पहुंच से बाहर है।
पार्वती वर्मा के आत्महत्या करने के बाद धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने शिक्षिका लक्ष्मी मंडलोई, सारिका ठाकुर को निलंबित किया है। वही बीईओ सत्यनारायण सूर्यवंशी ने यशवंत डोडवे को स्कूल का प्राचार्य नियुक्त किया।
मृतका की सहेली ने पुलिस और मीडिया कर्मियों को बताया था कि यह शिक्षिका पार्वती वर्मा को लंबे समय से प्रताड़ित कर रही थी इस बात की शिकायत `बेटी की पेटी` में भी चिट्ठी डाली गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई थी? उन्होंने बताया कि 14 अगस्त को भी शिक्षिका लक्ष्मी मंडलोई और सारिका ठाकुर ने उन्हें मैदान में बुलाकर सबके सामने चोर कहा था यह शब्द बार-बार सुनकर पार्वती रोने भी लगी थी उसका दर्द भी झलक लेकिन शिक्षकों को रहम नहीं आया। बस यही दर्द नाबालिक लड़की पार्वती की आत्महत्या का कारण बन गया। आपको बता दे की पार्वती वर्मा मध्यमवर्गी परिवार से ताल्लुक रखती थी और पढ़ लिखकर नौकरी करके अपने जीवन को एक नई दिशा देना चाहती थी लेकिन इन शिक्षिकाओं ने उसकी खुशियों और भविष्य पर ग्रहण लगा दिया।