📌 भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने एक प्रेरणादायक और ऐतिहासिक निर्णय लिया है। अब राज्य में अंगदान या देहदान करने वाले नागरिकों को अंतिम संस्कार से पहले मध्य प्रदेश पुलिस की ओर से “गार्ड ऑफ ऑनर” (Guard of Honour) दिया जाएगा। इस निर्णय का उद्देश्य समाज में अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाना और मानवता को नई दिशा देना है।
🗓️ सरकारी आदेश जारी राज्य सरकार ने मंगलवार को इस संबंध में औपचारिक आदेश जारी किए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने फरवरी 2025 में एम्स भोपाल में राज्य के पहले हृदय प्रत्यारोपण के समय इस घोषणा की थी।
🫀 दानवीरों को मिलेगा सालाना सम्मान
- अंगदान और देहदान करने वाले नागरिकों के परिजनों को हर साल 26 जनवरी और 15 अगस्त को जिला स्तरीय कार्यक्रमों में सम्मानित किया जाएगा।
- साथ ही, उन्हें आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुष्मान कार्ड भी दिया जाएगा, जिससे उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
🗣️ मुख्यमंत्री का संदेश मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा,
“मृत्यु के बाद जीवन का उपहार देना केवल दान नहीं, बल्कि अमरत्व है। यह समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है।”
🧬 राज्य में अंगदान की स्थिति चिंताजनक नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (NOTTO) की 2023 रिपोर्ट के अनुसार, 📉 मध्य प्रदेश में केवल 8 कैडेवर अंगदान हुए, जबकि तेलंगाना में 252, तमिलनाडु-कर्नाटक में 178 और गुजरात में 146।
🚁 एयर सुविधा की योजना भी मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में अंग प्रत्यारोपण केंद्रों को मजबूत किया जाएगा। जहां एयर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हैं, वहां हेलीकॉप्टर से समय पर मरीजों को पहुंचाया जाएगा।
📌 यह निर्णय क्यों है खास?
✅ समाज में अंगदान-देहदान के लिए जागरूकता बढ़ेगी ✅ दानकर्ताओं को राजकीय सम्मान मिलेगा ✅ परिजनों को स्वास्थ्य सुरक्षा और सामाजिक सम्मान दोनों मिलेंगे
