भोपाल में जनसंख्या और शहर के दायरे के बढ़ने के साथ-साथ अब सड़कें भी विस्तार ले रही हैं। पिछले एक साल में लोक निर्माण विभाग (PWD) ने राजधानी में 387 किलोमीटर सड़कों पर निर्माण, सुधार और चौड़ीकरण का काम किया। इनमें से 25 किमी पूरी तरह से नई सड़कें बनाई गई हैं। आमतौर पर हर साल औसतन 12 किमी नई सड़कें बनती हैं, लेकिन इस बार 13 किमी अधिक निर्माण हुआ है।
सड़क विकास पर खर्च हुए 50 करोड़
नए निर्माण, मरम्मत या चौड़ीकरण जैसे कार्यों पर सरकार हर साल लगभग 50 करोड़ रुपये खर्च करती है। यह आंकड़ा सिर्फ PWD के बजट का है। यदि इसमें नगर निगम, BDA और हाउसिंग बोर्ड जैसे अन्य निकायों को भी जोड़ा जाए, तो यह राशि 100 करोड़ रुपये तक पहुंच जाती है।
फिर भी टूटी सड़कों से परेशान जनता
रोजाना करोड़ों की लागत से काम होने के बावजूद कई इलाके अब भी जर्जर सड़कों से जूझ रहे हैं। नर्मदापुरम रोड की सर्विस लेन, करोद रोड, भानपुर सर्विस लेन और 11 मील तिराहा जैसे क्षेत्रों में सड़कें बेहद खराब हालत में हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इतनी भारी राशि खर्च होने के बाद भी सुधार न होना गंभीर सवाल खड़े करता है। इन सड़कों की तत्काल मरम्मत और गुणवत्ता की जांच जरूरी है।
भोपाल की सड़कों की स्थिति एक नजर में:
- PWD की कुल सड़कें: 268
- PWD की लंबाई: 573 किमी
- परफॉर्मेंस गारंटी वाली सड़कें: 400 किमी
- नगर निगम की सड़कें: लगभग 4000 किमी
विभागीय जिम्मेदारी तय, काम सतत जारी
सड़क निर्माण और मरम्मत के लिए जिम्मेदार विभाग तय हैं और सभी के पास बजट भी है। कार्यों के प्रस्ताव आते रहते हैं और निर्माण नियमित रूप से जारी है। PWD के इंजीनियर इन चीफ केपीएस राणा के अनुसार, विभाग का लक्ष्य नागरिकों को सुगम आवागमन देना है।
