गंगा दशहरा 2025: हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इसी दिन मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थीं। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हस्त नक्षत्र और सिद्धि योग में मां गंगा के आगमन से यह दिन पवित्र और पुण्यदायी माना गया है। इस बार गंगा दशहरा 5 जून, गुरुवार को मनाया जाएगा।
इस दिन सुबह 9:14 बजे से सिद्धि योग रहेगा, हस्त नक्षत्र और रवि योग का भी संयोग बन रहा है। दोपहर 1:02 बजे तैतिल करण और 2:15 बजे तक गर करण का विशेष प्रभाव रहेगा। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान, दान, गंगाजल से अभिषेक, गंगा आरती और भोग से मां गंगा को प्रसन्न किया जाता है।
जो लोग गंगा नदी के निकट नहीं रह सकते, वे घर पर गंगाजल मिश्रित जल से स्नान कर सकते हैं। इसके बाद देवी-देवताओं का अभिषेक करें और ‘ओम जय गंगे माता’ की आरती गाएं। दान-पुण्य के लिए इस दिन अन्न, वस्त्र और धन का दान करना अत्यंत शुभ माना गया है।
गंगा दशहरा पर किए गए पूजन और सेवा से पापों का क्षय होता है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
