मोटापे के खिलाफ मिशन: FSSAI और CBSE की साझा पहल, स्कूलों में शुगर बोर्ड और खाने की गुणवत्ता पर सख्ती

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मोटापे के खिलाफ की गई अपील के बाद अब फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) एक्शन में आ गई है। FSSAI ने देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिए हैं कि तेल और चीनी की खपत में कमी लाई जाए और संतुलित आहार को बढ़ावा दिया जाए। इसका उद्देश्य देश में बढ़ती मोटापे की समस्या को नियंत्रित करना है।

CBSE ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए स्कूलों में “शुगर बोर्ड” लगाने का निर्देश जारी किया है। यह पहल टाइप-2 डायबिटीज के बढ़ते मामलों को देखते हुए की गई है, ताकि बच्चे और उनके अभिभावक चीनी की अधिकता के दुष्प्रभाव को समझ सकें।

शुगर बोर्ड का मुख्य मकसद बच्चों में मीठे पदार्थों के सेवन को लेकर जागरूकता पैदा करना है। इन बोर्डों के जरिए बच्चों को यह जानकारी दी जाएगी कि ज्यादा मीठा खाने से उनके स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ सकता है। FSSAI ने राज्यों से आग्रह किया है कि वे इस अभियान को सभी स्कूलों में लागू करें, जिससे बच्चों को शुरू से ही सेहतमंद आदतें अपनाने की प्रेरणा मिले।

FSSAI ने राज्यों से यह भी कहा है कि वे अपने खाद्य सुरक्षा निगरानी तंत्र को मजबूत करें। सार्वजनिक स्थलों, बाजारों, स्कूलों और कार्यालयों में बिकने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की नियमित जांच सुनिश्चित की जाए। संस्था ने यह भरोसा भी दिलाया कि सभी राज्यों को इस कार्य में तकनीकी सहायता, प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।

इस मुद्दे पर आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में 60 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें विभिन्न राज्यों के खाद्य सुरक्षा आयुक्त, केंद्र सरकार के अधिकारी, खाद्य उद्योग से जुड़े विशेषज्ञ, उपभोक्ता संगठन, कृषि क्षेत्र के प्रतिनिधि, वैज्ञानिक और शोधकर्ता शामिल थे। सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि मोटापा और अस्वास्थ्यकर खानपान की समस्या से निपटने के लिए सभी को मिलकर सामूहिक प्रयास करने होंगे।

Soniya upadhyay
Author: Soniya upadhyay

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