खंडवा जिले ने जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत जल संरक्षण की दिशा में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जिले को 4,700 कूप रिचार्ज पिट बनाने का लक्ष्य सौंपा गया था, जिसे न केवल तय समय से पहले पूरा कर लिया गया, बल्कि जिले में कुल 4,838 कूप रिचार्ज पिटों का निर्माण कर लक्ष्य से अधिक प्रदर्शन किया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में प्रदेशभर में पुराने जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने और भूजल स्तर बढ़ाने के उद्देश्य से यह अभियान संचालित हो रहा है। इसके तहत किसानों को सिंचाई और पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नलकूप व कुओं के पुनर्भरण पर जोर दिया जा रहा है।
अभियान के अंतर्गत राज्य के सभी जिलों को जल संरक्षण से जुड़े कार्यों के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। मनरेगा योजना के तहत खेत तालाब, रिचार्ज पिट, सोख्ता गड्ढे और बोरी बंधान जैसे निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। खंडवा प्रदेश का पहला जिला बना है जिसने 100 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य प्राप्त करते हुए उदाहरण प्रस्तुत किया है।
जिला पंचायत खंडवा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नागार्जुन बी. गौड़ा के अनुसार, जिले में आगे भी जल संरक्षण के प्रयास जारी हैं। वर्तमान में 15,000 कूप रिचार्ज पिट बनाए जा रहे हैं, जिनमें से लगभग 10,000 का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
भारत सरकार के केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही “जल संचय, जन भागीदारी” राष्ट्रीय मुहिम में भी खंडवा ने शानदार प्रदर्शन किया है। 7 मई 2025 तक की स्थिति के अनुसार, खंडवा जिला देशभर में तीसरे स्थान पर रहा है।
कूप रिचार्ज पिट के लाभ कूप रिचार्ज पिट को रिचार्ज शाफ्ट भी कहा जाता है। इसका उद्देश्य बारिश के पानी को जमीन में समाहित कर भूजल स्तर को बढ़ाना है। इससे नलकूप व कुओं के सूखने की संभावना घटती है और सिंचाई के लिए स्थायी जल स्रोत उपलब्ध रहते हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार द्वारा 30 मार्च से 30 जून 2025 तक पूरे मध्यप्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है, ताकि वर्षा जल का संरक्षण हो सके और जल संकट की समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सके।
