विटामिन-D को “सनशाइन विटामिन” कहा जाता है, जो हड्डियों को मजबूत रखने, मांसपेशियों की ताकत बनाए रखने और इम्यून सिस्टम को सक्रिय रखने में अहम भूमिका निभाता है। लेकिन बदलती जीवनशैली, कम धूप में रहना और पौष्टिक भोजन की कमी के चलते आज कई लोग इसकी कमी से जूझ रहे हैं।
विटामिन-D की कमी से होने वाले नुकसान:
- रिकेट्स (बच्चों में): यह रोग बच्चों की हड्डियों को कमजोर और टेढ़ा-मेढ़ा बना देता है।
- ऑस्टियोमैलेशिया (वयस्कों में): हड्डियों में दर्द और कमजोरी की समस्या।
- ऑस्टियोपोरोसिस: हड्डियां भुरभुरी हो जाती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।
- दिल की बीमारियां: कुछ शोध बताते हैं कि विटामिन-D की कमी से हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
- ऑटोइम्यून रोग: जैसे रुमेटॉइड आर्थराइटिस और मल्टीपल स्क्लेरोसिस का खतरा भी बढ़ सकता है।
- टाइप 2 डायबिटीज: कुछ अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि इसकी कमी डायबिटीज का कारण बन सकती है।
- बार-बार संक्रमण: कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण सर्दी-जुकाम और बुखार जैसे संक्रमण होते रहते हैं।
- मानसिक स्वास्थ्य: इसकी कमी से मूड स्विंग, चिंता और डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कैसे करें विटामिन-D की पूर्ति:
- सुबह 7 से 10 बजे के बीच 15-30 मिनट तक सूरज की रोशनी में रहें।
- अपने आहार में अंडा, मछली, दूध, दही, पनीर और मशरूम जैसे खाद्य पदार्थ शामिल करें।
- डॉक्टर की सलाह पर विटामिन-D सप्लीमेंट्स लें, खासकर जब जांच में इसकी कमी पाई जाए।
विटामिन-D शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। अगर इसकी कमी समय रहते पूरी की जाए, तो कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।
