एमपी और यूपी में ‘ग्रेटर पन्ना’ वाइल्डलाइफ लैंडस्केप का निर्माण, बाघ, गिद्ध और घड़ियाल का होगा संरक्षण

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मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में एक विशाल वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र की स्थापना की योजना बनाई गई है, जिसे ‘ग्रेटर पन्ना’ वाइल्डलाइफ लैंडस्केप के नाम से जाना जाएगा। यह संरक्षित क्षेत्र 47,000 वर्ग किलोमीटर में फैला होगा और इसमें बाघ, गिद्ध और घड़ियाल जैसे वन्यजीवों के संरक्षण और पुनर्वास के लिए विशेष पहल की जाएगी। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए केंद्र सरकार 3000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, जो कि केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना का हिस्सा भी है।

‘ग्रेटर पन्ना’ का विस्तार

यह प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश के 8 जिलों और उत्तर प्रदेश के 3 जिलों को कवर करेगा, जिससे बाघों, गिद्धों और घड़ियालों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया जाएगा। इसमें पन्ना टाइगर रिजर्व का क्षेत्र भी विस्तारित किया जाएगा, और अतिरिक्त सुरक्षित गलियारों का निर्माण किया जाएगा ताकि इन वन्यजीवों को प्राकृतिक आवास में आराम से रहने का अवसर मिल सके।

संगठित प्रयासों से संरक्षण की दिशा में कदम

यह परियोजना वन्यजीवों के संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी। पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 100 से अधिक है, और यहां गिद्धों की 7 प्रजातियों का भी वास है। इस परियोजना के तहत गिद्धों के लिए विशेष क्लस्टर बनाकर उनकी संख्या को बढ़ाया जाएगा। साथ ही, घड़ियालों के लिए उनके आवास क्षेत्र का विस्तार भी किया जाएगा।

बैठक और आगामी योजनाएं

सोमवार को पन्ना टाइगर रिजर्व में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के वन अधिकारियों की संयुक्त बैठक आयोजित की गई, जिसमें परियोजना के विकास के बारे में विस्तृत चर्चा की गई और कार्ययोजना तैयार की गई। यह योजना भारत सरकार को अनुमोदन के लिए भेजी जाएगी।

समाज के लिए यह एक नई उम्मीद

‘ग्रेटर पन्ना’ परियोजना न केवल वन्यजीवों के लिए बल्कि पर्यावरण और स्थानीय समुदायों के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। इसे लेकर सरकार और वन विभाग की ओर से आश्वासन दिया गया है कि यह परियोजना सफलतापूर्वक लागू की जाएगी और वन्यजीवों के संरक्षण की दिशा में यह एक मील का पत्थर साबित होगी।

Pooja upadhyay
Author: Pooja upadhyay

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