मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित मध्य प्रदेश कैबिनेट बैठक में राज्य के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इनमें से एक बड़ा निर्णय इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर के अंतर्गत नया औद्योगिक क्षेत्र बनाने का था, जबकि भोपाल के हुजूर विधानसभा क्षेत्र में आयुष्मान भारत योजना का नियंत्रण केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया गया।
इंदौर-पीथमपुर कॉरिडोर में नया औद्योगिक क्षेत्र
कैबिनेट ने इंदौर-पीथमपुर क्षेत्र में एक नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का निर्णय लिया है, जो इकोनॉमिक कॉरिडोर से जुड़ेगा। इसका कुल क्षेत्रफल 1290 हेक्टेयर होगा, जिसमें से 1000 हेक्टेयर भूमि किसानों से ली जाएगी। किसानों को भूमि के विकसित हिस्से का 60 प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। इस क्षेत्र का सड़क नेटवर्क आगरा-मुंबई हाईवे और एयरपोर्ट से जुड़ा होगा, जिसमें 19.60 किलोमीटर लंबी और 75 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण किया जाएगा।
नर्मदा संरक्षण के लिए विशाल पौधारोपण अभियान
मध्य प्रदेश सरकार ने “अविरल, निर्मल नर्मदा अभियान” के तहत 124.46 करोड़ रुपए की लागत से पौधारोपण अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। इस योजना के अंतर्गत 2024 से 2031 तक नर्मदा नदी के दस किलोमीटर क्षेत्र में स्थित 12 वन मंडलों में कुल 5600 हेक्टेयर भूमि में पौधारोपण किया जाएगा, ताकि नर्मदा नदी का संरक्षण किया जा सके और पर्यावरणीय सुधार हो सके।
तुअर की खरीद और आयुष्मान नियंत्रण केंद्र
राज्य सरकार ने इस वर्ष 1 लाख 27 हजार टन तुअर खरीदने का निर्णय लिया है। केंद्रीय सरकार ने तुअर की प्रति क्विंटल कीमत 7650 रुपए तय की है, जिससे किसानों को उपज का अच्छा मूल्य मिलेगा। इसके अलावा, भोपाल के हुजूर विधानसभा क्षेत्र में आयुष्मान भारत योजना का नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) स्थापित किया जाएगा। इसके लिए 4 हेक्टेयर भूमि भारत सरकार को एक रुपये के भू-भाटक पर आवंटित की गई है।
अनुपूरक बजट और अन्य फैसले
कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि 31 मार्च तक अनुपूरक बजट का पूरा उपयोग किया जाए। इस बजट में 11 हजार करोड़ रुपए के कैपिटल और 789 करोड़ रुपये के रेवन्यू फंड की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, कैबिनेट ने माधव नेशन पार्क को टाइगर रिजर्व के रूप में मंजूरी दी, ओंकारेश्वर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी और सीएम पशु पालन विकास योजना को भी स्वीकृति दी।
इन निर्णयों से राज्य के विकास में तेजी आएगी और स्थानीय जनसंख्या को कई तरह के लाभ मिलेंगे।
