मध्य प्रदेश में फर्जी अस्पतालों की आड़ में नर्सिंग महाघोटाले का मामला सामने आया है। NSUI ने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के क्षेत्रीय कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई और इस मामले में भोपाल समेत प्रदेश के अन्य जिलों के CMHO (Chief Medical Health Officer) के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। NSUI के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने आरोप लगाया कि प्रदेश में कई नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने के लिए फर्जी अस्पतालों को आधार बनाया गया, जिनमें ना तो पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं थीं और न ही योग्य डॉक्टर। इसके बावजूद CMHO की सहमति से इन कॉलेजों को मान्यता दी गई, जिसके कारण प्रदेशभर में सैकड़ों फर्जी नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहे हैं।
परमार ने सीबीआई को उन फर्जी अस्पतालों और नर्सिंग कॉलेजों की सूची सौंपी है, जिनकी अब तक जांच नहीं हुई है, जिसमें वीसीएच-वीनस नर्सिंग कॉलेज, एलेक्सिस अस्पताल-फ्लोरेंस नाइटिंगेल नर्सिंग कॉलेज, न्यू पालीवाल अस्पताल-जीवन ज्योति नर्सिंग कॉलेज, और कई अन्य अस्पताल शामिल हैं। इसके साथ ही उन्होंने उन संदिग्ध अस्पतालों की सूची भी साझा की है जो अभी भी संचालित हो रहे हैं।
NSUI ने इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की अपील की है। रवि परमार ने यह भी कहा कि इस घोटाले ने न केवल प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि नर्सिंग छात्रों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ किया है। NSUI ने इस मुद्दे पर संघर्ष जारी रखने का वादा किया है और दोषियों को सजा दिलाने तक आंदोलन करने की घोषणा की है।
