मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले में 1 अप्रैल से सरकारी दफ्तरों में कामकाज की प्रक्रिया पूरी तरह बदलने जा रही है। ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने के लिए प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। इसके तहत अधिकारियों और कर्मचारियों को टेस्टिंग आईडी दी जा रही है, जिससे वे डिजिटल दस्तावेज़ अपलोड करने, नोटशीट तैयार करने और ई-ऑफिस के अन्य कार्यों में दक्ष हो सकें।
डिजिटल वर्क कल्चर की ओर बड़ा कदम
ई-गवर्नेंस विभाग की देखरेख में सोमवार से प्रायोगिक तौर पर ई-ऑफिस का कार्य शुरू होगा। अधिकारी पहले मैन्युअल तरीके से ई-ऑफिस सॉफ्टवेयर पर काम करेंगे, जिससे भविष्य में उन्हें किसी तकनीकी दिक्कत का सामना न करना पड़े।
डेमो से मिलेगी पूरी जानकारी
ई-ऑफिस प्रणाली के सफल क्रियान्वयन के लिए जिला प्रशासन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को व्यापक प्रशिक्षण देगा। विशेषज्ञ उन्हें सॉफ्टवेयर की बारीकियां सिखाएंगे, हर ऑप्शन की जानकारी देंगे और संभावित गलतियों को सुधारने का तरीका बताएंगे।
प्रशिक्षण के लिए मास्टर ट्रेनर नियुक्त
सुनिश्चित करने के लिए कि किसी भी विभाग में कोई परेशानी न हो, हर सरकारी कार्यालय में मास्टर ट्रेनर नियुक्त किए जाएंगे, जो अन्य कर्मचारियों को ई-ऑफिस सिखाने में मदद करेंगे।
कमेटी की होगी निगरानी
इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 16 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता कलेक्टर करेंगे। इसमें एडीएम, जिला पंचायत सीईओ, एनआईसी के अधिकारी समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी शामिल होंगे।
1 अप्रैल से पूरी तरह लागू होगा ई-ऑफिस
प्रशिक्षण और टेस्टिंग के बाद 1 अप्रैल से नर्मदापुरम जिले के सभी सरकारी कार्यालयों में ई-ऑफिस अनिवार्य रूप से लागू कर दिया जाएगा। इससे प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता आएगी, फाइलों की गति तेज होगी और पेपरलेस वर्क कल्चर को बढ़ावा मिलेगा।
