शिव नवरात्र 2025: महाकाल मंदिर में 17 फरवरी से 10 दिनों तक होगी विशेष पूजा

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शिव आराधना का महापर्व शिव नवरात्र 2025, 17 फरवरी से शुरू होने जा रहा है। यह पर्व 10 दिनों तक चलेगा, जिसमें विशेष योग नक्षत्रों में पार्थिव शिवलिंग की पूजा का महत्व होगा। महाकाल मंदिर में इस दौरान अग्नि और सूर्य की साक्षी में शिव पूजा विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है।

शिव नवरात्र का आरंभ 17 फरवरी को गण्ड योग के बाद वृद्धि योग में होगा, जो मंगलवार के दिन पड़ेगा। इस बार यह पर्व नौ की बजाय दस दिनों तक चलेगा, क्योंकि तिथि में वृद्धि हुई है। गण्ड योग के देवता अग्नि और वृद्धि योग के देवता सूर्य को माना जाता है, जो शिव के नेत्र माने जाते हैं, और इनकी साक्षी में शिव पूजा फलदायी मानी जाती है।

**महाकाल मंदिर में विशेष मान्यता**  
महाकाल ज्योतिर्लिंग, जो 12 ज्योतिर्लिंगों में एकमात्र मंदिर है, जहां शिव नवरात्र महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है, में इस पर्व का विशेष महत्व है। इस पूजा से मानसिक, शारीरिक और वाचिक पापों का नाश होता है और भक्तों को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस बार शिव नवरात्र 17 से 26 फरवरी तक मनाया जाएगा।

**विशिष्ट पूजा विधि**  
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शिव नवरात्र में रात के समय विशेष पूजा की जाती है। इसी कारण इस बार नवरात्र की गणना अहोरात्र के अनुसार की जाएगी और यह 10 दिन का रहेगा। पूजा में पार्थिव शिवलिंग की पूजा विशेष फल देती है।

**वर्णानुसार शिवलिंग की पूजा**  
शिव महापुराण के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति को अपनी वर्ण के अनुसार अलग-अलग रंग की मिट्टी से पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करना चाहिए। ब्राह्मणों के लिए सफेद मिट्टी, क्षत्रियों के लिए लाल मिट्टी, वैश्य के लिए पीली मिट्टी और अन्य के लिए काली मिट्टी से शिवलिंग बनाकर पूजा करनी चाहिए, ताकि अधिक फल की प्राप्ति हो।

Soniya upadhyay
Author: Soniya upadhyay

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