महाकुंभ 2025 में प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे रीवा जिले के सीमा चाकघाट पर भारी वाहनों का दबाव बन गया है। लगभग 48 घंटे बीतने के बावजूद, यहां पर 28 किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ है। इस दौरान यात्री केवल 8 घंटे में 20 किलोमीटर की ही दूरी तय कर पा रहे हैं।
सतना, कटनी और जबलपुर जैसे इलाकों से वाहनों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है, और राज्य भर से श्रद्धालु यहां पहुँचने की कोशिश कर रहे हैं। प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग 27 पर सात राज्यों से आने वाली बड़ी संख्या में वाहनों ने ट्रैफिक को और बढ़ा दिया है।
**ग्रामीणों ने शुरू की मदद, प्रशासन की स्थिति नकारात्मक**
रेवा जिले के ग्रामीण अब सामने आकर जाम में फंसे श्रद्धालुओं की मदद कर रहे हैं। वे श्रद्धालुओं को भोजन प्रदान कर रहे हैं और रात में रुकने के लिए जगह का भी इंतजाम कर रहे हैं। कई स्थानों पर अलाव जलाए गए हैं ताकि लोग ठंड से बच सकें।
**अमृत स्नान के बाद स्थिति में और वृद्धि**
अमृत स्नान के बाद प्रशासन ने सोचा था कि स्थिति सामान्य हो जाएगी, लेकिन उलट इसका असर यह पड़ा है कि सामान्य दिनों में भी श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ गई है, जिससे प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। हालांकि, रीवा से प्रयागराज जाने वाले रास्तों को डायवर्ट करने के बाद भी कोई स्थायी समाधान नहीं निकला है।
**शहर में भी बढ़ी भीड़, होटल और विवाह घरों में भारी भीड़**
सड़क पर जाम से बचने के लिए श्रद्धालु अब रात के समय रीवा शहर में रुकने का विकल्प तलाश रहे हैं। इसके कारण शहर के होटल और विवाह घर पूरी तरह से भर गए हैं। इस स्थिति में, सुबह होते ही श्रद्धालु फिर से प्रयागराज के लिए रवाना हो रहे हैं, लेकिन चाकघाट से कटरा तक वाहन फिर से लंबी कतारों में खड़े हैं।
