भारतीय रेलवे ने अपनी सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए ‘कवच’ (स्वचालित ट्रेन सुरक्षा) प्रणाली को लागू करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। दिल्ली-मुंबई रूट पर 2026 तक यह प्रणाली ट्रेनों में लगाई जाएगी, जिससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। खास तौर पर दिल्ली-मुंबई रूट पर 1386 किमी में से 885 किमी में कवच सिस्टम का परीक्षण पूरा हो चुका है, और अब बाकी हिस्सों में इसे लागू किया जाएगा।
रतलाम रेल मंडल के प्रबंधक अश्विनी कुमार ने बताया कि नागदा-गोधरा खंड पर भैरूगढ़ तक कवच सिस्टम का परीक्षण सफलतापूर्वक किया जा चुका है। इसके साथ ही वडोदरा-अहमदाबाद खंड में भी परीक्षण पूरा हो चुका है और अंतिम कमीशनिंग की प्रक्रिया जारी है।
कवच एक स्वदेशी टक्कररोधी प्रणाली है, जिसे रिचर्स डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) ने विकसित किया है। यह प्रणाली ट्रैक पर एक ही दिशा में चल रही ट्रेनों को ट्रैक करती है और अगर दो ट्रेनें आमने-सामने आती हैं तो यह स्वतः ब्रेक लगा देती है। कवच सिस्टम को इन्फ्रास्ट्रक्चर में माइक्रोप्रोसेसर और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) के माध्यम से और सिग्नल सिस्टम तथा कंट्रोल टावर से रेडियो संचार के जरिए जोड़ा जाता है।
इस सिस्टम को रेलवे के सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए 16 जुलाई को नए संस्करण की मंजूरी मिल चुकी है और जल्द ही इसे पूरी तरह से लागू किया जाएगा।
