उज्जैन के 84 महादेव मंदिरों का भव्य कायाकल्प: 30 करोड़ रुपये की योजना से होगा पुनर्निर्माण

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

जिसे धर्म और आस्था की नगरी कहा जाता है, अब अपने ऐतिहासिक 84 महादेव मंदिरों के भव्य कायाकल्प की ओर बढ़ रहा है। सिंहस्थ 2028 की तैयारियों के तहत उज्जैन विकास प्राधिकरण ने करीब 30 करोड़ रुपये की लागत से इन प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार की विस्तृत योजना तैयार की है। इस योजना के तहत मंदिरों का पुनर्निर्माण, आसपास के क्षेत्र का सौंदर्यीकरण और श्रद्धालुओं के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं का विकास किया जाएगा।

84 महादेव मंदिरों का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व

उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के साथ-साथ 84 महादेव मंदिरों का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त इन सभी मंदिरों के दर्शन कर लेता है, उसे सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का पुण्य प्राप्त होता है। प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु इन मंदिरों में दर्शन के लिए आते हैं, विशेष रूप से श्रावण मास और अधिक मास के दौरान इन मंदिरों की यात्रा का विशेष महत्व माना जाता है।

योजना के अंतर्गत होने वाले प्रमुख कार्य

उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा तैयार की गई इस योजना के अंतर्गत निम्नलिखित कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी—

1. मंदिरों का जीर्णोद्धार और संरक्षण – प्राचीन मंदिरों की मौलिक संरचना को बनाए रखते हुए उनका पुनर्निर्माण किया जाएगा।2. आसपास की भूमि का विकास – मंदिरों के आसपास की खाली भूमि को सुव्यवस्थित कर हरियाली, बगीचे और विश्राम स्थल बनाए जाएंगे।3. सुरक्षा और सुविधा – मंदिरों में सीसीटीवी कैमरे, एलईडी लाइटिंग और दिशा-सूचक बोर्ड लगाए जाएंगे, जिससे श्रद्धालुओं को आसानी हो।4. भव्य प्रवेश द्वार और पाथवे – मंदिरों तक पहुंचने के लिए पक्के रास्ते, पार्किंग और सुंदर प्रवेश द्वार का निर्माण किया जाएगा।5. जल निकासी और स्वच्छता व्यवस्था – मंदिर परिसरों में उचित जल निकासी और साफ-सफाई की व्यवस्था की जाएगी।6. पर्यटन को बढ़ावा – इस परियोजना के माध्यम से उज्जैन को एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।

सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए विशेष तैयारियां

सिंहस्थ कुंभ उज्जैन का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु आते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन महाकाल वन क्षेत्र के 84 महादेव मंदिरों के विकास को प्राथमिकता दे रहा है।

इस योजना के अंतर्गत:

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आधुनिक व्यवस्थाएं विकसित की जाएंगी।

पुलिस और प्रशासन की निगरानी के लिए विशेष कंट्रोल रूम बनाया जाएगा।

धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल गाइड और ऑनलाइन जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।

गणतंत्र दिवस समारोह में भी दिखी 84 महादेव की झलक

भोपाल के लाल परेड मैदान में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान उज्जैन के 84 महादेव मंदिरों को झांकी में प्रस्तुत किया गया। इस प्रस्तुति ने सरकार की प्राथमिकताओं को उजागर किया और यह साबित किया कि मध्य प्रदेश सरकार इस ऐतिहासिक धरोहर के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की प्राथमिकता सूची में शामिल

मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को समझते हुए 84 महादेव मंदिरों के विकास को प्राथमिकता में रखा है। उज्जैन विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संदीप कुमार सोनी ने बताया कि इस योजना को शीघ्र लागू किया जाएगा और 2028 के सिंहस्थ महापर्व से पहले सभी कार्य पूरे करने का लक्ष्य रखा गया है।

इस योजना के तहत 84 महादेव मंदिरों का जीर्णोद्धार सिर्फ उज्जैन के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी सौगात साबित होगा। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय व्यापार और अर्थव्यवस्था में भी उछाल आने की संभावना है। सिंहस्थ 2028 के दौरान जब करोड़ों श्रद्धालु उज्जैन आएंगे, तब यह भव्य परियोजना उन्हें एक आधुनिक और सुव्यवस्थित धार्मिक अनुभव प्रदान करेगी।उज्जैन के 84 महादेव मंदिरों का यह कायाकल्प, धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Pooja upadhyay
Author: Pooja upadhyay

Leave a Comment

और पढ़ें