भोपाल एम्स ने 200 पूर्व सैनिकों को नौकरी से निकाला, बहाली की मांग को लेकर केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र

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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल ने 200 पूर्व सैनिकों को उनकी सेवाओं से हटा दिया है। ये सभी सुरक्षा कर्मियों के रूप में कार्यरत थे। एम्स प्रशासन का कहना है कि उनका अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) समाप्त हो गया है, इसलिए सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी अब एक नई एजेंसी को सौंपी जाएगी। इस निर्णय से सैकड़ों परिवारों के सामने आजीविका का संकट उत्पन्न हो गया है।

कर्मचारियों ने किया विरोध, केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र

अपनी नौकरी बहाली की मांग को लेकर निकाले गए सुरक्षा कर्मियों ने इंडियन वेटरन ऑर्गनाइजेशन की सहायता से केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने एम्स प्रशासन के फैसले पर नाराजगी व्यक्त की और फिर से नियुक्ति की मांग की है।

सैकड़ों परिवारों पर बेरोजगारी का संकट

भोपाल एम्स में लंबे समय से कार्यरत ये पूर्व सैनिक संस्थान में सुरक्षा व्यवस्था की मुख्य जिम्मेदारी संभाल रहे थे। हर दिन हजारों मरीज और उनके परिजन एम्स में उपचार के लिए आते हैं, और इन सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी से सुरक्षा व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित होती थी। अब इनके निष्कासन से सैकड़ों परिवारों की रोजी-रोटी पर संकट आ गया है।

एम्स प्रशासन का स्पष्टीकरण

एम्स प्रशासन ने इस निर्णय को एक नियमित प्रक्रिया बताया है। उनका कहना है कि सुरक्षा कर्मियों का अनुबंध समाप्त हो चुका है और संस्थान ने नई एजेंसी को सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया है।

भोपाल एम्स के इस फैसले से निकाले गए कर्मचारियों में गहरी नाराजगी है। वे सरकार से न्याय की मांग कर रहे हैं और अपनी सेवाएं फिर से बहाल करने की अपील कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाते हैं और क्या इन पूर्व सैनिकों को न्याय मिल पाएगा।

Pooja upadhyay
Author: Pooja upadhyay

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