मध्य प्रदेश सरकार ने अपनी नई ट्रांसफर पॉलिसी जारी कर दी है, जिसे लेकर लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। अब से राज्य में सरकारी कर्मचारियों के तबादले केवल विभागीय मंत्री की स्वीकृति से ही किए जा सकेंगे और वो भी केवल कुछ विशेष परिस्थितियों में।
नई पॉलिसी के तहत तबादले केवल निम्नलिखित मामलों में किए जा सकेंगे:
1. गंभीर बीमारी: जैसे कैंसर, लकवा, हृदयाघात या पक्षाघात जैसी बीमारियों के कारण तात्कालिक आवश्यकता के आधार पर।2. न्यायालयीन आदेश: यदि कोई न्यायालयीन आदेश हो, जिसके तहत स्थानांतरण करना अनिवार्य हो, और उस स्थान पर कोई विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित न हो।3. गंभीर अनियमितताएं या लापरवाही: यदि शासकीय सेवक के खिलाफ गंभीर शिकायत या विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की जा चुकी हो।4. आपराधिक मामले: लोकायुक्त, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो या पुलिस द्वारा आपराधिक मामले दर्ज होने पर, ताकि जांच प्रभावित न हो।
क्यों हैं यह नियम अहम?
यह नई नीति सरकार के कर्मचारियों के स्थानांतरण प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और नियंत्रित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। अब विभागीय मंत्री की स्वीकृति के बाद ही कर्मचारियों के तबादले किए जा सकेंगे, जो विशेष परिस्थितियों में ही होंगे। इस नीति से न केवल सरकारी कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर असर पड़ेगा, बल्कि यह कर्मचारियों के स्थानांतरण में पारदर्शिता और दक्षता भी सुनिश्चित करेगा।