मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya Date Time 2025) 29 जनवरी को मनाई जाएगी, जो हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का बड़ा पुण्य होता है। यदि कोई महाकुंभ में स्नान करने नहीं जा सकता, तो वह घर पर गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकता है और पुण्य कमा सकता है।
माघ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या का महत्व इस दिन न केवल स्नान, बल्कि पितरों को तर्पण देने और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के रूप में भी है। घर पर काले तिल से तर्पण करके पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि 28 जनवरी की रात 7:35 बजे से शुरू होकर 29 जनवरी को शाम 6:05 बजे तक रहेगी। इस दिन प्रयागराज में महाकुंभ के अवसर पर लाखों श्रद्धालु गंगा में स्नान करने जाएंगे।
यदि आप महाकुंभ में नहीं जा पा रहे हैं तो गंगाजल मिलाकर स्नान करने से भी पुण्य की प्राप्ति होगी। इसके अलावा, इस दिन दान देने और मंदिरों में पूजा करने का विशेष महत्व है। मंदिरों में भी भक्तों के लिए पूजा अर्चना और अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
मौनी अमावस्या पर पवित्र नदियों के जल में भगवान विष्णु का वास माना जाता है और संगम में स्नान करने से अश्वमेघ यज्ञ के बराबर पुण्य मिलता है।