मध्यप्रदेश के तीन जिलों, भिंड, दतिया और मुरैना में कचरे से बिजली उत्पादन के लिए नए प्लांट स्थापित किए जाएंगे। ग्वालियर में इन प्लांटों के निर्माण के लिए नगर निगम ने 196 करोड़ रुपये की लागत से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की है। यह परियोजनाएं पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर संचालित होंगी और 2027 तक पूर्ण की जाएंगी।
केदारपुर में 108 करोड़ रुपये की लागत से एक वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित होगा, जहां गीले और सूखे कचरे से बिजली तैयार की जाएगी। इसके अलावा, 88 करोड़ रुपये की लागत से 15 एकड़ में बायो सीएनजी और सूखा कचरा प्रोसेस प्लांट लगाए जाएंगे। इन प्लांटों से बनने वाली बिजली और गैस का उपयोग नगर निगम के वाहनों में किया जाएगा, जबकि अतिरिक्त ऊर्जा को विद्युत कंपनी को बेचा जाएगा।