मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को भोपाल स्थित पं. खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं संस्थान में “आयुर्वेद पर्व-2025” का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने आयुर्वेद की महत्ता और इसके प्रभावी परिणामों पर जोर दिया। सीएम यादव ने कहा कि आयुर्वेद का असर धीमे तो होता है, लेकिन मुझ पर इसका असर जल्दी दिखा, जब मैं शिक्षा मंत्री था, अब मुख्यमंत्री हूँ।
मुख्यमंत्री ने आयुर्वेद को भारत की हजारों साल पुरानी परंपरा के रूप में प्रस्तुत किया और बताया कि यह चिकित्सा पद्धति न केवल देश, बल्कि पूरी दुनिया में एक मजबूत पहचान बना चुकी है। इस मौके पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन भी किया गया और एक स्मारिका का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में प्रदर्शनी, नि:शुल्क चिकित्सा शिविर और औषधीय पौधों का प्रदर्शन भी आकर्षण का केंद्र रहे।
सीएम यादव ने कहा कि, “कुछ समय पहले तक आयुर्वेद को नजरअंदाज किया जाता था, लेकिन कोविड महामारी के दौरान इसने अपनी उपयोगिता साबित की। आयुर्वेद जीवन में तालमेल बैठाने का एक महत्वपूर्ण तरीका प्रदान करता है, जो अन्य विधाओं में नहीं मिलता।”
उन्होंने आयुर्वेद के वैश्विक स्तर पर बढ़ते प्रभाव को भी स्वीकार किया और कहा कि मध्य प्रदेश सरकार इस पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।