रविवार को इंदौर शहर में एक गंभीर हादसा हुआ, जब एक टैंकर से सड़क पर लिक्विड अमोनिया का रिसाव होने लगा। इसके कारण घटनास्थल के पास मौजूद लोगों में आंखों और हाथ-पैरों में जलन की शिकायतें सामने आईं। घटना के बाद, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और स्थिति को नियंत्रण में लाने के प्रयास शुरू किए।
टैंकर पीतमपुर से ग्वालियर की ओर जा रहा था और इसमें लिक्विड अमोनिया भरा हुआ था, जो अत्यधिक जहरीला और ज्वलनशील है। रिसाव के बाद चालक टैंकर छोड़कर फरार हो गया। हादसे की सूचना मिलने पर पुलिस ने इलाके को पूरी तरह से घेर लिया और ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया। इसके साथ ही, विशेषज्ञ और NDRF की टीमों को भी घटनास्थल पर तैनात किया गया। डीसीपी जोन-1, विनोद कुमार मीना के अनुसार, 200 से 300 मीटर के क्षेत्र को घेर लिया गया है और आसपास के सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है। नगर निगम और अन्य विशेषज्ञ टीमें लिक्विड अमोनिया के निस्तारण के प्रयास में जुटी हुई हैं।
यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि शहरों में इस प्रकार के खतरनाक पदार्थों के परिवहन के दौरान सुरक्षा उपायों की कितनी अहमियत है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूरी मुस्तैदी से काम किया जा रहा है। याद दिलाना आवश्यक है कि दिसंबर 2024 में राजस्थान के जयपुर में भी एक टैंकर दुर्घटना में एलपीजी रिसाव के कारण बड़ा हादसा हुआ था, जिसमें कई लोगों की जान गई थी और दर्जनों वाहन आग की चपेट में आ गए थे। इंदौर हादसे ने स्थानीय प्रशासन और नागरिकों के बीच सुरक्षा को लेकर नई चिंताएं पैदा कर दी हैं।