पीएम मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम का प्रसारण जिले के 1879 बूथों पर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 118वें एपिसोड में गणतंत्र दिवस और देश की अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं पर अपने विचार साझा किए। यह पीएम मोदी का 2025 का पहला ‘मन की बात’ था, जो इस बार गणतंत्र दिवस के आयोजन से एक सप्ताह पहले प्रसारित हुआ। पीएम मोदी ने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं दीं और इस बार के गणतंत्र दिवस को विशेष बताते हुए कहा कि यह भारतीय गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ है। उन्होंने संविधान लागू होने के 75 वर्षों की उपलब्धि को भी नमन किया और संविधान सभा के महान व्यक्तित्वों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने 25 जनवरी को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय मतदाता दिवस के महत्व पर भी चर्चा की और भारतीय निर्वाचन आयोग की सराहना की, जिसने मतदान प्रक्रिया को समय-समय पर आधुनिक और मजबूत किया। पीएम मोदी ने चुनाव आयोग के निष्पक्ष चुनावों के प्रति समर्पण की भी सराहना की।

महाकुंभ मेले पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रयागराज में महाकुंभ का आगाज हो चुका है और यह पर्व विविधता में एकता और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। उन्होंने कुंभ, पुष्करम और गंगासागर मेले जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों को भारत की एकता और परंपराओं से जोड़ने वाला बताया। स्पेस सेक्टर में भारत की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बेंगलुरु के pixl स्टार्ट-अप द्वारा भारत के पहले निजी सैटेलाइट कॉन्स्टेलेशन ‘फायरफ्लाई’ के सफल लॉन्च की सराहना की। इसके अलावा, उन्होंने इसरो द्वारा स्पेस डॉकिंग की ऐतिहासिक उपलब्धि का भी जिक्र किया, जिससे भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है।

अरुणाचल प्रदेश के नौगांव का उदाहरण देते हुए पीएम मोदी ने स्थानीय किसानों द्वारा हाथियों की समस्या का समाधान करने के अनूठे प्रयासों की सराहना की। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बातों में देश की संस्कृति और विरासत को भी साझा किया, जिसमें उन्होंने हाल ही में दो नए टाइगर रिजर्व के जुड़ने का उल्लेख किया और StartUp इंडिया के सफलताओं को भी सराहा। इसके साथ ही, उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के दीपक नाबाम की समाज सेवा की मिसाल को भी सम्मानित किया। साथ ही, पीएम मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाए जाने की घोषणा की और उनके अद्वितीय साहस व दूरदृष्टि को याद किया।

Pooja upadhyay
Author: Pooja upadhyay

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