प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में उज्जैन की समृद्ध कला, संस्कृति और विरासत को दर्शाने के लिए मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां आयोजित की हैं। इन प्रस्तुतियों के माध्यम से उज्जैन की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को श्रद्धालुओं तक पहुंचाया जा रहा है।
प्रयागराज महाकुंभ में मध्यप्रदेश मंडपम् में नृत्य, गायन, वादन, नाटक और चित्रकला के द्वारा उज्जैन की विरासत का प्रचार किया जा रहा है। यहां महाकाल की भस्म आरती, शिप्रा आरती, मलखंभ और मटकी नृत्य जैसी प्रस्तुतियां हो रही हैं। इसके साथ ही उज्जैन से संबंधित महापुरुषों और धार्मिक प्रतीकों को भी प्रदर्शित किया जा रहा है।
विशेष रूप से, उज्जैन की प्रसिद्ध नृत्य गुरु प्रतिभा रघुवंशी 22-24 जनवरी तक शिप्रा आरती की प्रस्तुति देंगी, जबकि 31 जनवरी से 5 फरवरी तक मलखंभ और मटकी नृत्य के प्रदर्शन होंगे। इसके अलावा, महादेव और श्री कृष्ण की लीला पर आधारित नृत्य नाटक भी प्रस्तुत किए जाएंगे।
आगे चलकर 2027 में नासिक और 2028 में उज्जैन में महाकुंभ आयोजित होंगे, जिसके लिए मध्य प्रदेश सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के संस्कृति सलाहकार श्रीराम तिवारी ने बताया कि उज्जैन की कला और संस्कृति को लेकर श्रद्धालु यहां आकर गहरी आनंद की अनुभूति कर रहे हैं।