माघ महीने की संकष्टी चतुर्थी, जिसे संकट चौथ भी कहते हैं, इस साल 17 जनवरी, शुक्रवार को मनाई जा रही है।आज मघा नक्षत्र 12:45 बजे तक रहेगा, इसके बाद पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र का आरंभ होगा। इसी दिन सूर्योदय सुबह 7:14 बजे और सूर्यास्त शाम 5:47 बजे होगा।
इस दिन विशेष रूप से माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से संतान की विशेष कृपा प्राप्त होती है और संतान की कामना करने वाली महिलाओं को संतान सुख की प्राप्ति होती है।
संकट चौथ व्रत पूजा विधि:
संकट चौथ के दिन प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें। फिर पूजा स्थल को स्वच्छ करके गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
पूजन सामग्री: दूर्वा, फूल, शमी के पत्ते, चंदन और तिल के लड्डू।
पूजन विधि: गणेश जी के सामने दीपक जलाकर “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें। फिर गणेश जी की आरती करें और तिल-गुड़ का प्रसाद अर्पित करें।
चंद्र दर्शन: शाम को चंद्रमा को देखकर अर्घ्य दें और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करें। फिर व्रत खोलें और तिल-गुड़ का प्रसाद बांटें।
संकट चौथ व्रत के विशेष नियम:
- इस दिन हरे रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है।
- तिलकुट का भोग भगवान गणेश को अर्पित करना आवश्यक है।
- व्रत खोलने से पहले चंद्रमा को अर्घ्य देना जरूरी है।
- तिल के लड्डू और तिल से बनी मिठाइयां चढ़ाने की परंपरा भी है।
संकट चौथ व्रत का पालन करने से न केवल संतान सुख मिलता है, बल्कि घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है।