प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 का आगाज हो चुका है, और इस धार्मिक महोत्सव के पहले स्नान पर संगम तट पर श्रद्धालुओं का अपार जनसैलाब उमड़ पड़ा। पौष पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित इस शाही स्नान में अब तक लगभग 60 लाख श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। यह आयोजन दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेलों में से एक है, जिसमें देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु भाग लेने के लिए आए हैं।
महाकुंभ के इस पहले स्नान में श्रद्धालुओं के साथ-साथ साधु-संतों का भी विशेष सैलाब देखने को मिला। सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह चाक-चौबंद किया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को कोई भी समस्या न हो। पुलिस, सीआरपीएफ, और आरएएफ की टीमें तैनात हैं, और श्रद्धालुओं की हर संभव मदद के लिए पुलिसकर्मी सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं।महाकुंभ के दौरान लगभग 35 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है, जो इस ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजन में अपनी भागीदारी निभाएंगे। इस विशाल उत्सव को सफल बनाने के लिए प्रयागराज प्रशासन ने यात्रियों की सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया है, जिससे वे बिना किसी दिक्कत के स्नान कर सकें।
इसके साथ ही, महाकुंभ की भव्यता और धार्मिक महत्व ने इसे एक अलौकिक अनुभव बना दिया है, जहां लाखों लोग एक साथ आस्था की डुबकी लगाने के लिए एकत्रित हो रहे हैं। इस दिव्य अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी हैं।महाकुंभ का आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहित करता है, क्योंकि यह भारी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है और स्थानीय व्यापार को बढ़ावा देता है।