इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) ने एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लिया है। अब विश्वविद्यालय के सभी आधिकारिक दस्तावेजों में “India” की जगह “भारत” शब्द का उपयोग किया जाएगा। यह फैसला “एक राष्ट्र-एक नाम” की अवधारणा के तहत लिया गया है।
कुलगुरु डॉ. राकेश सिंघई का बयान
कुलगुरु डॉ. राकेश सिंघई के अनुसार, यह निर्णय देश और विदेश में होने वाले सभी पत्राचार, डिग्री, अंकसूची, ट्रांसक्रिप्ट्स में लागू किया जाएगा। डॉ. सिंघई ने यह भी बताया कि “भारत” नाम का उपयोग प्राचीन काल से ही होता रहा है, और अंग्रेजों ने इसे “इंडिया” में बदल दिया था। उनका मानना है कि हमें अपने देश के असली नाम “भारत” का ही प्रयोग करना चाहिए।
देश का पहला विश्वविद्यालय जो ‘भारत’ शब्द का करेगा प्रयोग
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय देश का पहला विश्वविद्यालय है जिसने इस प्रकार का प्रस्ताव पारित किया और इसे लागू करने का निर्णय लिया है। इस बदलाव के बाद विश्वविद्यालय के सभी दस्तावेजों और पत्राचार में “भारत” का ही उल्लेख किया जाएगा, जिससे देश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को प्रोत्साहित किया जाएगा।यह कदम विश्वविद्यालय के सामाजिक और सांस्कृतिक योगदान को भी महत्वपूर्ण बनाता है, और इसे एक प्रेरणा के रूप में देखा जा रहा है।