भोपाल में मेट्रो और ई-बसों से छात्रों को मिलेगा लाभ, परिवहन में होंगे बड़े बदलाव

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भोपाल में आने वाले महीनों में परिवहन व्यवस्था में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे, जो विशेष रूप से छात्रों के लिए फायदेमंद साबित होंगे। जुलाई तक भोपाल में मेट्रो की शुरुआत हो सकती है, वहीं राज्य के 6 शहरों में 552 इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा भी जुड़ने वाला है। इन परिवहन साधनों के जरिए सार्वजनिक यात्रा को अधिक सुलभ और किफायती बनाया जाएगा।

प्रधानमंत्री ई-बस योजना के तहत भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और सागर में कुल 552 इलेक्ट्रिक शहरी बसें चलाई जाएंगी। इन बसों का संचालन पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर होगा। यह योजना राज्य सरकार ने पिछले साल फरवरी में मंजूरी दी थी और उम्मीद की जा रही है कि 2025 के मध्य तक इन बसों का संचालन शुरू हो जाएगा।

भोपाल नगर निगम की सहायक कंपनी भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बीसीएलएल) को 100 ई-बसें मिलेंगी। इन परिवहन बदलावों का मुख्य उद्देश्य छात्रों और अन्य यात्रियों के लिए यात्रा की लागत को कम करना है। महामारी के बाद छात्रों को बस पास का लाभ नहीं मिल पा रहा था, और अब इस नई योजना से उन्हें मदद मिल सकती है।

भोपाल के एमपी नगर क्षेत्र में रोजाना पांच हजार से अधिक छात्र कोचिंग क्लासेस में आने-जाने के लिए बसों का उपयोग करते हैं। इन छात्रों की यात्रा लागत प्रति माह लगभग 35 लाख रुपए आती है, जो कि औसतन 25 रुपये प्रति छात्र प्रतिदिन खर्च होते हैं। अगर छात्रों के लिए विशेष बस पास की योजना लागू होती है, तो यह लागत आधी से भी कम हो सकती है, जिससे उन्हें बड़ी राहत मिलेगी।

यह योजना न केवल छात्रों के लिए, बल्कि सामान्य यात्रियों के लिए भी यात्रा के खर्च को कम करने में सहायक होगी।

 

Soniya upadhyay
Author: Soniya upadhyay

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