मध्य प्रदेश भाजपा के संगठनात्मक चुनावों में जिला अध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। प्रदेश कार्यालय में वन टू वन चर्चाओं के बाद 60 जिलों के नामों पर सहमति बन गई है, हालांकि कुछ जिलों में अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। सूत्रों के मुताबिक, आगामी रविवार को 40 से 45 जिलों के अध्यक्षों के नामों की घोषणा की जा सकती है।
इस बार भाजपा ने फैसला लिया है कि जो नेता चार से पांच साल से ज्यादा समय तक अध्यक्ष पद पर रहे हैं, उन्हें फिर से मौका नहीं दिया जाएगा, हालांकि कुछ अपवाद हो सकते हैं। पार्टी ने महिलाओं, अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को पहले के मुकाबले ज्यादा प्रतिनिधित्व देने का निर्णय लिया है। विशेष रूप से महिलाओं के लिए भाजपा में जिला अध्यक्ष पदों पर प्रतिनिधित्व बढ़ाने की योजना है, और तीन से चार महिलाओं को जिला अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव है।
वर्तमान में लगभग एक दर्जन जिलों में अध्यक्षों के नाम पर सहमति नहीं बन पाई है। पार्टी ने इन जिलों के नाम केंद्रीय नेतृत्व को भेजे हैं, और अब इन स्थानों पर चर्चा के बाद या केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों के अनुसार नामों की घोषणा की जा सकती है।
चर्चाएं चल रही हैं कि पार्टी महिला जिला अध्यक्षों के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण देने पर विचार कर रही है, लेकिन पार्टी के पदाधिकारियों ने इन खबरों को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि भाजपा के संविधान में अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है, हालांकि पार्टी में महिलाओं और एससी/एसटी के प्रतिनिधित्व में वृद्धि होगी।