प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को दिल्ली के प्रतिष्ठित *भारत मंडपम* में *ग्रामीण भारत महोत्सव* का शुभारंभ करेंगे। यह कार्यक्रम देश के ग्रामीण इलाकों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल है। छह दिनों तक चलने वाले इस आयोजन का मुख्य विषय *”विकसित भारत 2047: ग्रामीण भारत का निर्माण”* है।
कार्यक्रम के उद्देश्य
इस महोत्सव का उद्देश्य देश के ग्रामीण क्षेत्रों को 2047 तक एक सशक्त और आधुनिक भारत का आधार बनाना है। इसके तहत कुछ प्रमुख पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा:
1. ग्रामीण बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करना:
गांवों में सड़कें, जलापूर्ति, बिजली, डिजिटल कनेक्टिविटी जैसी आवश्यक सुविधाओं का विस्तार और उन्नयन किया जाएगा।
2. आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था:
ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय उद्योगों, कुटीर उद्योगों और कृषि आधारित व्यवसायों को प्रोत्साहन दिया जाएगा, ताकि वहां के लोग आर्थिक रूप से मजबूत बन सकें।
3. नवाचार और तकनीकी विकास:
गांवों में नई तकनीक और नवाचार को बढ़ावा देकर शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्रों को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
कार्यक्रम की खास बातें
1. प्रदर्शनियां:
इस महोत्सव में देशभर के ग्रामीण उत्पादों की एक भव्य प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी, जिसमें हैंडीक्राफ्ट, हथकरघा, जैविक उत्पाद, और लोककला जैसे पारंपरिक और आधुनिक उत्पादों का प्रदर्शन होगा।
2. संगोष्ठियां और सेमिनार:
विशेषज्ञों और सरकारी अधिकारियों के साथ किसान, उद्यमी और ग्रामीण समाज के प्रतिनिधियों की वार्ताएं होंगी। इनमें ग्रामीण विकास के नए मॉडल, सरकारी योजनाओं और तकनीकी प्रगति पर चर्चा की जाएगी।
3. सांस्कृतिक कार्यक्रम:
ग्रामीण भारत की विविधता को दर्शाने के लिए देशभर से लोकनृत्य, संगीत, और थिएटर के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
4. प्रतिभागियों की भागीदारी:
इस आयोजन में विभिन्न राज्य सरकारें, ग्रामीण पंचायतें, सामाजिक संस्थान, एनजीओ, और स्थानीय उद्यमी हिस्सा लेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल का मुख्य उद्देश्य भारत के ग्रामीण इलाकों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना और ग्रामीण समाज को विकसित भारत का हिस्सा बनाना है। महोत्सव का हर दिन ग्रामीण जीवन और उनकी संस्कृति की समृद्धता का प्रदर्शन करेगा, साथ ही साथ सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों पर प्रकाश डालेगा।
प्रधानमंत्री की अपील
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी देशवासियों से अपील करेंगे कि वे ग्रामीण उत्पादों का अधिक उपयोग करें और “वोकल फॉर लोकल” की भावना को और सशक्त बनाएं।इस महोत्सव के जरिए सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि ग्रामीण भारत 2047 तक आत्मनिर्भर, प्रगतिशील और संपन्न हो, जो पूरी तरह विकसित भारत की तस्वीर को साकार करेगा।