सोमवती अमावस्या के पवित्र दिन पर हरिद्वार के गंगा घाटों पर लाखों श्रद्धालु पहुंचे और आस्था की डुबकी लगाई। हर वर्ष की तरह, इस बार भी श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर अपने पापों से मुक्ति की कामना की और पुण्य कमाया। पुलिस प्रशासन ने इस दौरान सख्त इंतजाम किए थे ताकि भक्तों की भारी भीड़ को उचित तरीके से सुव्यवस्थित किया जा सके।
प्रात: काल से ही श्रद्धालुओं की लाइनें गंगा घाटों पर लगनी शुरू हो गई थीं, और रात से ही हरिद्वार में गंगा के प्रति अपार श्रद्धा प्रदर्शित करने के लिए भक्तों का जमावड़ा लगने लगा था। शहर के सभी होटल, धर्मशालाएं और आश्रम श्रद्धालुओं से भर गए थे, और पार्किंग की जगह भी भर गई थी। हर की पैड़ी, गऊ घाट, बिरला घाट और ॐ घाट जैसे पवित्र स्थानों पर भी भारी भीड़ उमड़ी, जहां श्रद्धालुओं ने संकीर्ण स्थानों में भी गंगा स्नान किया।
हालांकि कड़ाके की सर्दी और कम होते सूरज के साथ नदियों में स्नान करना चुनौतीपूर्ण था, फिर भी श्रद्धालुओं ने निरंतर आस्था की डुबकी लगाई और सूर्य देव को जल अर्पित किया। समाचार लिखे जाने तक गंगा स्नान की प्रक्रिया जारी थी, और भक्तों की श्रद्धा की कोई सीमा नहीं दिख रही थी। पुलिस प्रशासन ने घाटों और प्रमुख मार्गों पर व्यवस्था बनाए रखने के लिए कठिन परिश्रम किया।इस ऐतिहासिक अवसर पर हरिद्वार में श्रद्धा, विश्वास और भक्ति का अद्भुत मिलाजुला दृश्य था।