मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई पहल की है। अब, पांच मेगावाट तक के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने वालों को 30% तक अनुदान दिया जाएगा। इसके साथ ही, इन संयंत्रों से उत्पादित बिजली को राज्य सरकार खरीदेगी।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में “कुसुम सी योजना” को मंजूरी मिलने की संभावना है। इस योजना के तहत, 2030 तक राज्य की कुल बिजली खपत का 50% हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों (सौर, पवन, और जल विद्युत) से प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
रीवा सौर परियोजना की सफलता
रीवा सौर ऊर्जा परियोजना के माध्यम से पहले ही दिल्ली मेट्रो और भारतीय रेलवे को बिजली की आपूर्ति हो रही है। यह पहल झारखंड, गोवा, उत्तर प्रदेश जैसे अन्य राज्यों में रेलवे संचालन के लिए भी ऊर्जा उपलब्ध करा रही है।
घरेलू और औद्योगिक उपयोग को बढ़ावा
घरेलू उपभोक्ताओं और औद्योगिक इकाइयों को दिन में बिजली के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। अप्रैल 2025 से, दिन के समय बिजली खपत पर 20% की छूट की घोषणा की गई है।
किसानों और ग्रामीणों को होगा बड़ा लाभ
इसके साथ, “पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना” के तहत श्योपुर, मुरैना, इंदौर, उज्जैन, और अन्य जिलों में 40 लाख लोगों को पेयजल और 6.13 लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई के लिए लाभ मिलेगा। इस परियोजना से करीब 3,200 से ज्यादा गांवों की जल आपूर्ति और सिंचाई व्यवस्था मजबूत होगी।
नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में यह योजना राज्य को एक नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में बड़ा कदम है।
