भोपाल में आयकर विभाग ने त्रिशूल, क्वालिटी और ईशान कंस्ट्रक्शन कंपनियों के कार्यालयों और उनके करीबी लोगों के ठिकानों पर एक बड़ी छापेमारी की। यह कार्रवाई आयकर विभाग ने बुधवार सुबह शुरू की और रविवार तक चलती रही। छापेमारी कुल 49 स्थानों पर की गई, जिनमें भोपाल के अलावा इंदौर और ग्वालियर भी शामिल थे। विभाग ने इन कंपनियों और उनके कनेक्शन से जुड़े व्यक्तियों से 150 से अधिक बेनामी संपत्तियां जब्त की हैं।आयकर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस छापे के दौरान लगभग 10 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई, इसके अलावा 25 लॉकर भी खोले गए हैं। इन लॉकरों से संपत्ति के महत्वपूर्ण दस्तावेज, ज्वेलरी और अन्य कीमती सामान प्राप्त हुए हैं। इन लॉकरों की जांच अभी जारी है, और सोमवार को और दस्तावेजों की बरामदगी होने की संभावना है। विभाग अब इन संपत्तियों के मालिकों की पहचान और इनके स्रोतों की जांच कर रहा है।
सर्च के दौरान कुछ शेल कंपनियों के होने का भी खुलासा हुआ है। शेल कंपनियां कागजों पर बनाई जाती हैं, लेकिन इनका कोई वास्तविक व्यवसाय नहीं होता। अधिकतर समय, इनका उपयोग काले धन को सफेद करने के लिए किया जाता है। इस कार्रवाई से जुड़ी जानकारी के मुताबिक, इन कंपनियों का इस्तेमाल संपत्ति को छिपाने और जाली दस्तावेजों के माध्यम से वैध दिखाने के लिए किया गया था।आयकर विभाग की कार्रवाई को लेकर बताया गया कि यह छापेमारी खासकर त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रमुख राजेश शर्मा से जुड़ी थी, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वह एक पूर्व मुख्य सचिव के करीबी रिश्तेदार हैं। इसके अलावा, एक व्यापारी से संबंधित जानकारी भी सामने आई है, जो रायपुर में स्थित है और उसने इस समूह में बड़े पैमाने पर निवेश किया था। विभाग ने इनसे संबंधित सभी लेन-देन और संपत्ति की जांच शुरू कर दी है।
यह कार्रवाई आयकर विभाग की कड़ी निगरानी और उच्च अधिकारियों के दिशा-निर्देश पर की गई है, और इससे यह संकेत मिलता है कि विभाग बेनामी संपत्तियों और काले धन के मामलों में सख्ती से काम कर रहा है। इस जांच के दौरान और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं, जिससे भ्रष्टाचार और अवैध संपत्ति की सफाई के लिए नई दिशा मिल सकती है।