साइबर अपराध के बढ़ते मामलों के बीच इंदौर पुलिस ने डिजिटल ठगी के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। अपराध शाखा ने 1.60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़े मामले में चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह ठगी की राशि जमा करवाने के लिए अपने बैंक खाते साइबर अपराधियों को कमीशन पर बेचता था।
महिला के साथ करोड़ों की ठगी, साइबर अपराधियों तक पहुंची पुलिस
पुलिस के अनुसार, बिचौली मर्दाना निवासी वंदना गुप्ता को आरोपितों ने “डिजिटल अरेस्ट” का झांसा देकर 9 नवंबर को 1.60 करोड़ रुपये ठग लिए थे। इस मामले में अपराध शाखा ने गुजरात से प्रतीक जरीवाला, अभिषेक जरीवाला, चंद्रभान बंसल, विवेक रंजन उर्फ पिंटू गिरी, अल्ताफ कुरैशी, और कूच बेहर (पश्चिम बंगाल) से अभिषेक चक्रवर्ती को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था।
बैंक खाते बेचने वाले चार और सहयोगी गिरफ्तार
गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ में चार अन्य व्यक्तियों की भूमिका सामने आई। इनमें सीहोर निवासी रोहन शाक्य और आयुष राठौर, भोपाल निवासी नीलेश गोरेले, और अभिषेक त्रिपाठी शामिल हैं। रोहन ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र में खाता खोलकर कमीशन पर आयुष को बेचा था। आयुष ने इसे आगे नीलेश और अभिषेक को सौंपा। फिलहाल पुलिस यह जांच कर रही है कि ये खाते किन-किन साइबर अपराधियों तक पहुंचे।
ऑनलाइन गैंबलिंग में संलिप्तता के प्रमाण
इसी मामले की जांच में पुलिस को ऑनलाइन गैंबलिंग वेबसाइट्स के जरिए ठगी के बड़े नेटवर्क का भी पता चला है। आरोपित 13 अलग-अलग बैंक खातों में रुपये जमा करवाते थे। ये खाते उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, असम, दिल्ली और मध्य प्रदेश में खोले गए हैं।
पुलिस का संदेश: सतर्क रहें, ठगी से बचें
इंदौर अपराध शाखा ने जनता को सचेत करते हुए कहा है कि साइबर अपराधी अलग-अलग तरीकों से धोखाधड़ी कर सकते हैं। बैंक खाते या व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें और किसी भी संदिग्ध लेन-देन की सूचना तत्काल पुलिस को दें।
इस कार्रवाई के साथ, इंदौर पुलिस साइबर अपराधियों की गतिविधियों पर रोक लगाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने में सफल रही है।