इंदौर, जिसे मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहा जाता है, के रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास का रास्ता साफ हो गया है। गुजरात की एक निजी कंपनी की *412 करोड़ रुपये* की निविदा को मंजूरी मिल गई है। इसकी जानकारी लोकसभा सांसद शंकर लालवानी ने दी। उन्होंने बताया कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना का काम जनवरी 2025 से शुरू होगा और इसे अगले दो वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा स्टेशन
इस परियोजना को *आने वाले 50 वर्षों की जरूरतों* को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। रेलवे स्टेशन को किसी हवाई अड्डे की तरह विकसित किया जाएगा, जहां यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। पुनर्विकसित स्टेशन में कुल *26 लिफ्ट और 17 एस्केलेटर* लगाए जाएंगे, जिससे यात्रियों की आवाजाही आसान होगी।
ऊर्जा के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग
सांसद लालवानी ने बताया कि रेलवे स्टेशन की बिजली की आपूर्ति में सौर ऊर्जा का बड़ा योगदान रहेगा। परियोजना पूरी होने के बाद इस स्टेशन के जरिए हर दिन एक लाख से अधिक यात्री यात्रा कर सकेंगे।
प्रधानमंत्री अमृत भारत स्टेशन योजना का हिस्सा
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 फरवरी को *प्रधानमंत्री अमृत भारत स्टेशन योजना* के तहत देशभर के 553 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी थी, जिसमें इंदौर रेलवे स्टेशन भी शामिल है। यह योजना भारत के रेलवे नेटवर्क को नई दिशा देने के साथ-साथ यात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से चलाई जा रही है।