मध्यप्रदेश के शिक्षकों के लिए बड़ी राहत और खुशी की खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने अक्टूबर 2021 में नियुक्त किए गए 15,000 शिक्षकों को स्थायी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस कार्य को लेकर एक विशेष समिति का गठन किया है, जो नियमितीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी। अब जल्द ही शिक्षकों को उनकी मेहनत का फल स्थायी नियुक्ति के रूप में मिलेगा।
तीन साल बाद मिला नियमितीकरण का मौका
नियुक्ति के बाद से ये शिक्षक पिछले तीन वर्षों से परिवीक्षा अवधि में काम कर रहे थे। इस लंबी प्रतीक्षा के बाद, अब उन्हें नियमितीकरण की प्रक्रिया के तहत स्थायी किया जाएगा। शिक्षकों को नियमितीकरण के लिए संकुल प्राचार्य के पास निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना होगा। जॉइनिंग की तारीख से तीन साल की परिवीक्षा अवधि को मान्य मानते हुए उनके दस्तावेजों की जांच की जाएगी।
नियम और प्रक्रिया के मुख्य बिंदु
1. *दस्तावेज सत्यापन:*
– संकुल प्राचार्य द्वारा शिक्षकों के सभी दस्तावेजों की गहन जांच की जाएगी।
2. *कार्य मूल्यांकन:*
– परिवीक्षा अवधि में शिक्षकों के कार्य प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी।
3. *लंबी छुट्टियों का विश्लेषण:*
– शिक्षकों द्वारा ली गई लंबी छुट्टियों और उनकी अवधि की जांच होगी।
4. *न्यायिक मामलों की पुष्टि:*
– शिक्षकों के खिलाफ किसी भी न्यायालय में लंबित मामलों की जानकारी ली जाएगी।
5. *स्थानांतरण का सत्यापन:*
– स्थानांतरित हुए शिक्षकों के दस्तावेजों की भी जांच होगी।
जिला स्तर पर भी होगी समिति की निगरानी
इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए प्रत्येक जिले में एक समिति का गठन किया गया है। इसमें जिला शिक्षा अधिकारी, सहायक संचालक और एक हाई सेकेंडरी प्राचार्य शामिल होंगे। यह समिति सभी दस्तावेजों और शर्तों की जांच कर प्रक्रिया को गति प्रदान करेगी।
नियमितीकरण से मिलेगा बड़ा लाभ
यह निर्णय शिक्षकों के लिए न केवल स्थायित्व और आर्थिक सुरक्षा का प्रतीक है, बल्कि यह उनकी मेहनत को पहचानने का कदम भी है। सरकार का यह कदम शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता बढ़ाने और शिक्षक समुदाय को प्रेरित करने में सहायक सिद्ध होगा।